कोरबा: ग्रामवासियों को FIR की धमकी दे रहे अधिकारी,भीख की तरह मांगना पड़ रहा अधिकार,

SECL की गेवरा खदान प्रभावित कल फिर उतरेंगे खदान में

कोरबा। जिले में सन्चालित एसईसीएल की गेवरा परियोजना के प्रबंधन व अधिकारी पर ग्रामीणों को एफआईआर की धमकी देने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर रमेश दास निवासी ग्राम नराइबोध ने जिला कलेक्टर व एसपी को लिखित शिकायत की है और उचित जांच एवं कार्रवाई की मांग की है।

शिकायतकर्ता ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गांव में पिछले कई वर्षों से किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि नहीं हुई है, फिर भी एसईसीएल के अधिकारी जबरन एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह धमकी उनके मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन है। भू विस्थापित ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, उनको अपने अधिकार भीख की तरह मांगने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, अधिकारी के इस रवैये से वे भयभीत हैं और इससे प्रशासन व सरकारी व्यवस्था के प्रति उनका विश्वास कम हो रहा है। शिकायतकर्ता ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाए ताकि गांव के लोगों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। अब देखना होगा कि प्रशासन इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है और क्या उचित कार्रवाई करता है।

इधर इन ग्रामीणों ने बताया कि 28/3/2025 को हैवीब्लास्टिंग, पानी ,वैकल्पिक रोजगार की समस्या को लेकर प्रबंधन ने अभी तक कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की है। आश्वासन दिए लगभग महीना बीत चुका हैं उसके बाद भी एक भी व्यक्ति को रोजगार प्रदान नहीं किया गया है। कल प्रातः 8 बजे से हड़ताल करने का निश्चय किए हैं जिसमें ओबी और कोयला दोनों ही उत्खनन कार्य को प्रभावित करेंगे जिसके संपूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। नराईबोध के युवकों रमेश दास,सोनू महंत,दिलहरण चौहान,अश्वनी यादव ,विजय दास , सचिन दास, वीरेंद्र भट्ट, चेतन केवट ,मोहनलाल कौशिक की अगुवाई में आन्दोलन में ग्रामीण एकजुट हैं।

निजी कम्पनी लीपापोती में जुटी :- इधर दूसरी तरफ सूत्रों ने बताया कि कल 28 मार्च को डीजीएमएस की टीम गेवरा परियोजना में पहुंच रही है। इसके मद्देनजर हर निजी कंपनी वाले अपनी गलतियां छुपाने के लिए सभी कर्मी को छुट्टी दे रहे हैं जबकि हर गाड़ियों में कुछ ना कुछ खराबी है जिससे हादसा होने पर जान माल का खतरा होता है।