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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।
गौरेला विकासखंड में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस बार शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पकरिया के सहायक शिक्षक मुकेशधर शर्मा व्याख्याता (संलग्न) पर PFMS प्रणाली के माध्यम से फर्जी हस्ताक्षर कर ₹58,800 की राशि आहरण करने का गंभीर आरोप लगा है।
जांच में सामने आए प्रमुख तथ्य:
1. फर्जी आहरण की गई राशि का भुगतान उन कर्मचारियों के नाम पर दर्शाया गया जिनका उस खर्च से कोई संबंध नहीं था, और उन्होंने इस पर हस्ताक्षर भी नहीं किए थे।
2. संबंधित लेन-देन में कोषालय स्तर पर तकनीकी कोषाध्यक्ष के भी हस्ताक्षर नहीं थे, जिससे प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठता है।
3. दिनांक 10.01.2023 और 11.01.2023 को इमरशन कलर और अन्य सामग्री की खरीद दिखाकर लगभग ₹17,000 की राशि आहरित की गई, लेकिन संबंधित कर्मचारी का कहना है कि ऐसी कोई सामग्री न खरीदी गई और न ही भुगतान हुआ।
4. एक अन्य फर्जी भुगतान 14.03.2024 को दर्शाया गया, जिसमें कंप्यूटर मरम्मत के नाम पर ₹9,060 की राशि निकाली गई, जबकि संस्था में कोई कंप्यूटर मरम्मत कार्य नहीं कराया गया।
यह मामला तब सामने आया जब विद्यालय के लेखा प्रभारी द्वारा संदेहास्पद लेन-देन की जांच की गई और पाया गया कि संबंधित व्याख्याता द्वारा फर्जी तरीके से बिल संलग्न कर PFMS के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
420 का आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा
इस मामले में प्रधान पाठक द्वारा स्पष्ट रूप से सिफारिश की गई है कि मुकेशधर शर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और संबंधित राशि की वसूली की जाए। प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अंतर्गत अपराध दर्ज करने की अनुशंसा की गई है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
यह गंभीर मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही क्षेत्र में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है। लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़े के मामलों में अब तक किसी ठोस कार्रवाई का न होना शासन की नीयत और जवाबदेही को कटघरे में खड़ा करता है!