सांसद प्रतिनिधि द्वारा हैवी ब्लास्टिंग रोके जाने की बातों को एसईसीएल बुड़बुड़ प्रबंधन ने नही लिया गंभीरता से, मनमाने धमाके की तीव्रता से भूकंप के जैसा फिर थर्राने लगा आसपास का क्षेत्र, दहशत में लोग*
*कोरबा/पाली:-* बुड़बुड़ खान प्रबंधन अपने मनमाने हरकतों से बाज नही आ रहा है और जिस हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगाने सांसद प्रतिनिधि द्वारा पुरजोर विरोध के साथ थाने में प्रबंधन के खिलाफ अपराध दर्ज कर हैवी ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगाने संबंधी शिकायत दी गई थी उससे हड़बड़ाए एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पर्यावरण अथवा अन्य किसी को बिना क्षति या नुकसान पहुँचाए निर्धारित मापदंड के अनुसार कोयला उत्खनन कार्य का भरोसा दिलाकर पुनः हैवी ब्लास्टिंग की पुनरावृत्ति दोहराई जा रही है।जिससे एक बार फिर आसपास क्षेत्र भूकंप के झटके की तरह थर्राने लगा है।
इस संबंध पर ज्ञात हो कि एसईसीएल की ओपन कास्ट बुड़बुड़ खदान में हैवी ब्लास्टिंग के सहारे ओवरबर्डन का कार्य किये जाने से पाली सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह से थर्राया हुआ था तथा घरों की दीवारों में भी गहरी दरारें आने लगी थी जिससे ग्रामीण दहशतजदा में थे।उक्त हैवी ब्लास्टिंग से पाली स्थित 11वी सदी में निर्मित ऐतिहासिक एवं पुरातत्विक शिवमंदिर के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा था।एसईसीएल द्वारा खदान प्रारंभ से लेकर अपनाए जा रहे मनमाने एवं अड़ियल रवैये के विरुद्ध पाली निवासी दिग्गज नेता व कोरबा सांसद प्रतिनिधि तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव प्रशांत मिश्रा ने बीते 03 फरवरी को पाली थाना प्रभारी निरीक्षक लीलाधर राठौर को लिखित शिकायत सौंपते हुए बुड़बुड़ खान प्रबंधन पर अपराध दर्ज कर और कराए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगाने मांग किया गया था।जहां उक्त शिकायत के बाद हरकत में आए एसईसीएल क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा श्री मिश्रा को तत्सम्बन्ध में जवाबी स्पस्टीकरण देते हुए (पत्र क्र एसईसीएल/कोरबा /सरईपाली/ खा. न./ 2021/ 1138/दि.06-02-2021) प्रेषित के माध्यम से जानकारी दी गई थी कि एसईसीएल परियोजना प्रभावित किसान काश्तकारों की समस्या का विधिवत तरीके से निराकरण हेतु प्रतिबद्ध होने, भारत सरकार गाईड लाइन के अनुसार 500 मीटर के अंतर्गत सराईपाली परियोजना में ब्लास्टिंग से संबंधित सावधानियां बरते जाने और ब्लास्टिंग से संभावित क्षति नहीं होने देने, संवैधानिक वैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा ब्लास्टिंग के प्रभाव के अध्ययन के लिए प्रस्ताव प्रेषित किये जाने हेतु तब श्री मिश्रा को पूर्ण भरोसा दिलाते हुए कहा गया था कि वर्तमान में आपकी जनभावना और क्षेत्र की चिंता को ध्यान में रखते हुए ओबी बलास्टिंग निचले स्तर पर और कोयला उत्खनन बिना ब्लास्टिंग किये आधुनिक तकनीक से कोयला कटिंग सरफेस माइनर से कार्य किया जाएगा।लेकिन लापरवाह एसईसीएल प्रबंधन अपने वादों को भूलकर पुनरावृत्ति दोहराते हुए खदान में हैवी ब्लास्टिंग को फिर अंजाम दे रहा है जिसके तीव्रता से आसपास का क्षेत्र भूकंप की तर्ज पर थर्राने लगा है।जिसके कारण लोगबाग दहशत के साये में जी रहे है।गौरतलब है कि सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा द्वारा इसके पूर्व भी विगत वर्ष 2018 में पुरातत्व विभाग रायपुर मंडल को इस संबंध में पत्र लिखकर हैवी ब्लास्टिंग के संबंध में जानकारी दी गई थी।जिसके परिपेक्ष्य में अधीक्षण पुरातत्विक मंडल रायपुर ने एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को पत्र क्रमांक फ़ा स.13-1/15 (05)/17-18/टी एस/687 दिनांक 25 /05/2018 के माध्यम से ऐसे कार्यों का क्रियान्वयन नहीं करने के निर्देश दिए थे।जिसे भी धत्ता बताते हुए एसईसीएल के प्रबंधन द्वारा आदेश को दरकिनार कर अपनी हठधर्मिता जारी रखते हुए कार्य किया जा रहा है।जिन पर कसकर लगाम लगाने की आवश्यकता है तभी इनके क्रियाकलापों में सुधार आ पाएगा।