*फर्जी पत्रकारों की अब खैर नही कटघोरा वनमण्डल के परिक्षेत्र अधिकारियों की हो रही छवि धूमिल करने की कोशिस कर्मचारियों ने कहा जल्द होगी थाने में शिकायत बिना मेहनत पैसा कमाने का कर रहे प्रयाश*
*फर्जी पत्रकारों की अब खैर नही कटघोरा वनमण्डल के परिक्षेत्र अधिकारियों की हो रही छवि धूमिल करने की कोशिस कर्मचारियों ने कहा जल्द होगी थाने में शिकायत बिना मेहनत पैसा कमाने का कर रहे प्रयाश*
फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़ के द्वारा जब आज कटघोरा वनमण्डल के कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी से बात की गई तब उन्होंने बताया कि आजकल फर्जी और कम समय मे बिना कार्य किये पैसे की चाह रखने वाले RTI लगाकर बेवजह पैसे की मांग करने वाले पत्रकारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन अब वे सतर्क हो जाये वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि जल्द ही वे अब न्यायिक प्रक्रिया का रुख अपनाने वाले है आज कुम्हिपनी से बत्रा में निर्मित सड़क बेशबहरा में निर्मित तालाब जड़गा में निर्मित डेम और ESIP में हुए कार्यो को लेकर जब हमारी अधिकारी एवं कर्मचारियों से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि उनकी सारी बात बचकानी बेतुकी और पैसे कमाने के उद्देश्य से चलाई गई है जितने पत्रकारों ने इन खबरों को चलाया है उनमें से किसी पत्रकार के पास पत्रकारिता की कोई डिग्री ही नही
कोई 5वी पास है कोई 8वी और कोई 12वी किसी का रिकॉर्ड खराब है तो किसी का कुछ और न ही किसी भी पत्रकार का स्वयं का जनसम्पर्क कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है पत्रकारिता एवं सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की जानकारी के आभाव में खबर चलाई गई कर्मचारियों ने बताया कि सूचना के अधिकार में दिए गए जानकारी से जब कोई असंतुष्ट हो तो उसे अपील लगाना चाहिए न कि खबर चलाकर पैसे की मांग करने वाली मंशा सामने रखनी चाहिए खैर इनका दोष नही है अगर ये पढ़े लिखे होते पत्रकारिता की होती सूचना के अधिकार को पढ़ा होता तो इसने ये भुल नही होती पर ये भी करे क्या बिना मेहनत शार्ट कट तरीके से पैसे कमाने की आदत ने इन्हें मजबूर कर दिया रही बात कुम्हिपनी से बत्रा रोड की तो कर्मचारियों ने बताया कि जितने भी खबर चलाने वाले फ़र्ज़ी पत्रकार है या कह लीजिए अनपढ़ पत्रकार है वो पहले SDO कार्यालय DFO कार्यालय या वन परिक्षेत्र कार्यालय से उस रोड की पूरी जानकारी प्राप्त कर ले फिर खबर चलाये कुम्हिपनी से बत्रा रोड 3 किलोमीटर में अभी तक किसी भी प्रकार का भुगतान ही नही हुआ क्योंकि वो रोड कंप्लीट ही नही है भारतीय वन अधिनियम और R.E.S के मापक का पालन करते हुए उस रोड का पहले निर्माण कराया जायेगा फिर उसका बिल बाउचर चार्ज किया जायेगा कर्मचारी का कहना है कि जब हमने किसी भी प्रकार का भुगतान लिया ही नही तो भ्रस्टाचार हुआ कैसे रही बात 8 10 ट्रक मिट्टी की और नदी नाले की गिट्टी की तो शायद उन अनपढ़ और फ़र्ज़ी पत्रकारों को पता नही की उस रोड के ही समीप पड़े पथ्थर जिससे गांव वालों को चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी उसको समेत कर किनारे किया गया है जो कि RES और वन अधिनियम में संग्रहण कहलाता है और फर्जीपन कि सारी सीमाएं को लांघते हुए लिखा गया है कि 8 10 ट्रेक्टर मिट्टी और मुरुम डाला गया तो आप समस्त जनता समझदार है कि 3 किलोमीटर की रोड में कितनी मिट्टी और मुरुम डलती है अधिकारियों ने हमे ये बात भी कही की आप स्वयं जा कर उस रोड में डले गिट्टी मुरुम और मिट्टी को देखिए आपको समझ आयगा की असली बात क्या है क्या नही कर्मचारी एवं अधिकारियों ने समस्त बातो को हँसी में टालते हुए कहा कि ये फ़र्ज़ी अनपढ़ पत्रकार पता नही किस चीज़ का नशा करते है जो इस प्रकार की बहकी बहकी बातो को लिखते है हमे कुछ गुप्त पर्यावरण प्रेमी के द्वारा कुम्हिपनी से बत्रा रोड की GPS लोकेशन लगी हुई फ़ोटो मिली है जिसमे आप स्वयं समझ सकते है कि आखिर माजरा क्या है
फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़ के द्वारा जब आज कटघोरा वनमण्डल के कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी से बात की गई तब उन्होंने बताया कि आजकल फर्जी और कम समय मे बिना कार्य किये पैसे की चाह रखने वाले RTI लगाकर बेवजह पैसे की मांग करने वाले पत्रकारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन अब वे सतर्क हो जाये वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि जल्द ही वे अब न्यायिक प्रक्रिया का रुख अपनाने वाले है आज कुम्हिपनी से बत्रा में निर्मित सड़क बेशबहरा में निर्मित तालाब जड़गा में निर्मित डेम और ESIP में हुए कार्यो को लेकर जब हमारी अधिकारी एवं कर्मचारियों से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि उनकी सारी बात बचकानी बेतुकी और पैसे कमाने के उद्देश्य से चलाई गई है जितने पत्रकारों ने इन खबरों को चलाया है उनमें से किसी पत्रकार के पास पत्रकारिता की कोई डिग्री ही नही
कोई 5वी पास है कोई 8वी और कोई 12वी किसी का रिकॉर्ड खराब है तो किसी का कुछ और न ही किसी भी पत्रकार का स्वयं का जनसम्पर्क कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है पत्रकारिता एवं सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की जानकारी के आभाव में खबर चलाई गई कर्मचारियों ने बताया कि सूचना के अधिकार में दिए गए जानकारी से जब कोई असंतुष्ट हो तो उसे अपील लगाना चाहिए न कि खबर चलाकर पैसे की मांग करने वाली मंशा सामने रखनी चाहिए खैर इनका दोष नही है अगर ये पढ़े लिखे होते पत्रकारिता की होती सूचना के अधिकार को पढ़ा होता तो इसने ये भुल नही होती पर ये भी करे क्या बिना मेहनत शार्ट कट तरीके से पैसे कमाने की आदत ने इन्हें मजबूर कर दिया रही बात कुम्हिपनी से बत्रा रोड की तो कर्मचारियों ने बताया कि जितने भी खबर चलाने वाले फ़र्ज़ी पत्रकार है या कह लीजिए अनपढ़ पत्रकार है वो पहले SDO कार्यालय DFO कार्यालय या वन परिक्षेत्र कार्यालय से उस रोड की पूरी जानकारी प्राप्त कर ले फिर खबर चलाये कुम्हिपनी से बत्रा रोड 3 किलोमीटर में अभी तक किसी भी प्रकार का भुगतान ही नही हुआ क्योंकि वो रोड कंप्लीट ही नही है भारतीय वन अधिनियम और R.E.S के मापक का पालन करते हुए उस रोड का पहले निर्माण कराया जायेगा फिर उसका बिल बाउचर चार्ज किया जायेगा कर्मचारी का कहना है कि जब हमने किसी भी प्रकार का भुगतान लिया ही नही तो भ्रस्टाचार हुआ कैसे रही बात 8 10 ट्रक मिट्टी की और नदी नाले की गिट्टी की तो शायद उन अनपढ़ और फ़र्ज़ी पत्रकारों को पता नही की उस रोड के ही समीप पड़े पथ्थर जिससे गांव वालों को चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी उसको समेत कर किनारे किया गया है जो कि RES और वन अधिनियम में संग्रहण कहलाता है और फर्जीपन कि सारी सीमाएं को लांघते हुए लिखा गया है कि 8 10 ट्रेक्टर मिट्टी और मुरुम डाला गया तो आप समस्त जनता समझदार है कि 3 किलोमीटर की रोड में कितनी मिट्टी और मुरुम डलती है अधिकारियों ने हमे ये बात भी कही की आप स्वयं जा कर उस रोड में डले गिट्टी मुरुम और मिट्टी को देखिए आपको समझ आयगा की असली बात क्या है क्या नही कर्मचारी एवं अधिकारियों ने समस्त बातो को हँसी में टालते हुए कहा कि ये फ़र्ज़ी अनपढ़ पत्रकार पता नही किस चीज़ का नशा करते है जो इस प्रकार की बहकी बहकी बातो को लिखते है हमे कुछ गुप्त पर्यावरण प्रेमी के द्वारा कुम्हिपनी से बत्रा रोड की GPS लोकेशन लगी हुई फ़ोटो मिली है जिसमे आप स्वयं समझ सकते है कि आखिर माजरा क्या है