*जय अम्बे महिला समूह द्वारा लम्बे समय से खाद्यान्न की अफरा- तफरी की जा रही है/फर्जी वितरण की प्रबल संभावना, जांच से होगा खुलासा*

फर्जी वितरण की प्रबल संभावना, जांच से होगा खुलासा

कोरबा 13 अप्रैल। शासन का सार्वजनिक वितरण प्रणाली वर्षों से भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहा है। बेहिसाब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पी.डी.एस. को ऑनलाईन किया गया है। लेकिन इससे भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण नगरीय निकाय क्षेत्र में जय अम्बे महिला प्रा. सह. उ. भ. (आई डी.नंबर- 551001002) राताखार कोरबा उचित मूल्य की दुकान का ऑनलाईन उपलब्ध आंकड़ा है। इस दुकान में खाद्यान्न नहीं होने के बावजूद उपभोक्ताओं को सामग्री वितरित किया जाना बता दिया गया है, जिसके चलते दुकान का खाद्यान्न स्टाक मायनस में प्रदर्शित हो रहा है।

उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार जय अम्बे महिला समूह का चावल का स्टाक 6088.00 कि.ग्रा., अंत्योदय चावल 40.00 कि. ग्रा., चना 761.00 कि. ग्रा., नमक 1641.00 कि. ग्रा. स्टाक में मायनस दिखाई दे रहा है। जानकारों के अनुसार
इसका अर्थ यह है कि राशन दुकानदार को सामाग्री का आबंटन प्राप्त नहीं हुआ था, लेकिन उसने उपभोक्ताओं को उक्त मात्रा में खाद्यान्न का वितरण कर दिया है। ये आंकड़े खाद्य विभाग के ऑनलाईन पी डी एस पोर्टल में देखे जा सकते हैं।

यहां सवाल यह है कि जब राशन दुकान में खाद्यान्न स्टाक में उपलब्ध ही नहीं है, तो उपभोक्ताओं को इतनी बड़ी मात्रा में चावल, चना, नमक आदि का वितरण कहां से कर दिया गया? क्या राशन दुकान संचालक ने बाजार से खाद्य सामाग्री खरीद कर उपभोक्ताओं में वितरण किया है? या उसके अधिकार में बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं, जिसमें उसने वितरण बता दिया है? प्रबल संभावना इसी बात की है कि राशन दुकानदार के पास बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं और उनमें खाद्य सामाग्री का फर्जी तौर पर वितरण करना दर्शा दिया गया है। लेकिन स्टाक और वितरित सामाग्री की गणना में भूल की वजह से स्टाक से अधिक मात्रा में सामाग्री वितरित करना दर्ज कर दिया गया, जिसके कारण ऊपर बतायी गयी मात्रा की एन्ट्री मायनस में हो गयी है।

सूत्रों के अनुसार जय अम्बे महिला समूह द्वारा लम्बे समय से खाद्यान्न की अफरा- तफरी की जा रही है

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। यहां तक कि महिलाओं के नाम पर समूह बनाकर एक कुख्यात राशन माफिया इस दुकान का संचालन कर रहा है। महिला समूह का भौतिक सत्यापन करने पर समूह की वास्तविकता का भी पता चल सकता है। यही नहीं, लम्बे समय से राताखार राशन दुकान में बरती जा रही अनियमितता का भी खुलासा हो सकता है।