*अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, वह अपने पीछे कोई ना कोई सुराग- सबूत अवश्य छोड़ जाता है। अपराधों की विवेचना का यह मूल सिद्धांत कोरबा के राशन घोटाला मामले में शत- प्रतिशत सच सिद्ध हो रहा है।*
- कोरबा 14 अप्रैल। अपराध शास्त्र ( क्रीमीनालॉजी) का एक सूत्र वाक्य है- अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, वह अपने पीछे कोई ना कोई सुराग- सबूत अवश्य छोड़ जाता है। अपराधों की विवेचना का यह मूल सिद्धांत कोरबा के राशन घोटाला मामले में शत- प्रतिशत सच सिद्ध हो रहा है।
इस राशन घोटाला की कहानी राताखार की शासकीय उचित मूल्य की दुकान से आरंभ होती है। यहां राशन दुकान का संचालन जय अम्बे महिला प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार द्वारा किया जाता है। खाद्य विभाग के ऑनलाईन पोर्टल में इस शासकीय उचित मूल्य की दुकान (आई. डी. नंबर.- 551001002) राताखार में चावल का स्टाक 6088.00 कि.ग्रा., अंत्योदय चावल 40.00 कि. ग्रा., चना 761.00 कि.ग्रा., नमक 1641.00 कि. ग्रा. मायनस दिखाई दे रहा था। इसका अर्थ यह हुआ कि उक्त सामाग्री का आबंटन राशन दुकान को तो नहीं मिला था, लेकिन उसने इतनी बड़ी मात्रा में सामाग्री का वितरण उपभोक्ताओं को कर दिया था।
यहां विचारणीय प्रश्न यह है कि सामाग्री नहीं मिलने के बावजूद राशन दुकानदार ने उपभोक्ताओं को उक्त सामाग्री कहां से उपलब्ध करायी? पहली नजर में ही यह फर्जी सामाग्री वितरण का मामला समझ में आता है। एक संभावना इस बात की भी है कि इस वार्ड में बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं और राशन माफिया ऐसे कार्ड की आड़ में प्रतिमाह लाखों रूपयों का राशन घोटाला कर रहा है, जिसे शासकीय अमला का संरक्षण प्राप्त है अथवा शासकीय अमला अपने कर्तव्य के निर्वहन में असफल है, जिसकी वजह से यह घोटाला कभी पकड़ा नहीं गया?
न्यूज एक्शन ने इस घोटाले का 13 अप्रैल 2021 को पर्दाफाश किया। घोटाला उजागर होते ही राशन माफिया और शासकीय अमला मामले की लीपापोती में जुट गया। आनन-फानन में नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम से राताखार राशन दुकान के लिए ट्रक क्र.सी.जी.04 जे. ए.-4991 में कुल 52.800 कि. ग्रा. चावल 13 अप्रैल 2021 को जारी किया गया। इसी के साथ जय अम्बे महिला प्रा. सह. उ. भण्डार राताखार के साथ संलग्न खरमोरा राशन दुकान (आई. डी. क्र. 551001053) को 167.200 कि .ग्रा. चावल ट्रक क्रमांक सी जी 04 जे. ए 4991 में आबंटित किया गया। दोनों दुकानों का चावल एक ही ट्रक में जारी किया गया और पूरा चावल खरमोरा में खाली कराया गया। चावल आबंटन का विवरण ऑन लाईन पोर्टल में उपलब्ध है। सवाल है कि राताखार दुकान का चावल खरमोरा दुकान में क्यों खाली कराया गया? समझा जा सकता है कि इसे त्रुटि बताकर पूरे मामले में लिपापोती किया जाने का प्रयास किया जायेगा। जैसा कि एक मीडिया को फुड आफिसर ने अपने कथन में संभावना जताई है।
लेकिन राशन माफिया और सहकारी नुमाइंदों को कोई कैसे समझाये कि अपराध कितनी भी चालाकी के साथ क्यों ना किया जाये, वो अपने पीछे कोई ना कोई सुराग- सबूत जरूर छोड़ जाता है और यह भी कि एक अपराध को छुपाने के लिए दूसरा अपराध कर बैठता है। अब इसी मामले में देखें, शासन-प्रशासन का स्पष्ट आदेश है कि नागरिक आपूर्ति निगम किसी भी वाहन में ओव्हर लोड सामाग्री जारी नहीं करेगा। लेकिन 13 अप्रैल 2021 को नागरिक आपूर्ति निगम ने राताखार और खरमोरा दुकान के लिए एक ही ट्रक क्र.- सी. जी. 04 जे. ए. 4991 को राताखार के लिए 52.80 और खरमोरा के लिए 16720.00 कि.ग्रा. चावल जारी कर दिया। यानि 22000 कि .ग्रा., जो ओव्हर लोड की श्रेणी में आता है औरअनुशासनात्मक कार्यवाई वांछित है।
राताखार राशन घोटाला को रफा-दफा करने की इन तमाम कवायदों के बीच राशन माफिया और उनके शुभ चिन्तक अफसर न केवल नये-नये अपराध कर रहे हैं, बल्कि उसके सबूत भी उपलब्ध करा रहे हैं, जो घोटाला की संभावना को पुष्ट कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि राशन दुकान को जो चावल 13 अप्रैल 2021 को आबंटित किया गया, उसका वितरण राशन दुकानदार ने पहले ही कैसे कर दिया? यानि मूल सवाल अपने स्थान पर यथावत है।
सूत्रों के अनुसार राशन माफिया ने जिस महिला समूह के नाम से राशन दुकान हथिया रखा है, उसकी जांच कराने पर स्पष्ट हो सकता है कि यह राशन माफिया का जेबी और फर्जी समूह है, जिसका गठन ही घोटाले के लिए किया गया है। इसके अलावा राताखार और खरमोरा राशन दुकानों में बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं, जिनके नाम पर सामाग्री वितरण बताकरघोटाला किया जाता है। यही नहीं अनेक वास्तविक उपभोक्ताओं को सामाग्री दिये बिना ही वितरण बता कर भी लाखों रूपयों का राशन घोटाला हर माह किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि भौतिक सत्यापन से हो सकती है।