कविता में ‘छोकरी’, ‘चूसना’, ‘दाम’ इत्यादि के कारण द्विअर्थी और बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वाली नजर आ रही है, तथा सोचना यह भी है कि अश्लीलता लोगों की मानसिकता में है या कविता में

सिमरन गार्डिया

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT की एक कविता को लेकर खासा विवाद छिड़ा हुआ है.

कविता को लेकर विवाद है, कक्षा पहली की एक किताब जिसमें ‘रिमझिम’ नाम से पढ़ाई जाती है.

तीसरे चैप्टर में छपी इस कविता का शीर्षक ‘आम की टोकरी’ है. इस कविता मै कई अभिभावक आपत्ति जता रहे है इसके बोल को लेकर,

कविता में ‘छोकरी’, ‘चूसना’, ‘दाम’ इत्यादि के कारण द्विअर्थी और बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वाली नजर आ रही है,

वहीं दूसरे पक्ष को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा.

पाठ्यपुस्‍तक में कक्षा 1 की इस  कविता मै ‘छोकरी’ शब्‍द के इस्‍तेमाल को लेकर सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया जा रहा था.

 

वहीं इस कविताओं की किताब में इस्‍तेमाल की गई भाषा पर लोगों ने आपत्तियां उठाई थीं.

परिषद ने कहा है कि छात्रों को स्थानीय (लोकल) शब्दावली से परिचित कराने के लिए कविता को NCF 2005 के परिप्रेक्ष्य में शामिल किया गया था.

तथा NEP 2020 के तहत नए NCF (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उसी के अनुसार नई पाठ्यपुस्तकें बनाई जाएंगी.…

यह भी एक सोच का विषय है कि लोगों की मानसिकता में अश्लीलता है क्या इस कविता में।