स्याहीमूड़ी में हुआ हिंदी दिवस पर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन

स्याहीमूड़ी में हुआ हिंदी दिवस पर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन

हिंदी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदी का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए हम एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं. वर्तमान में हिंदी दिवस की महत्ता को प्रतिपादित करने के लिए हिंदी पखवाडा पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में शासकीय हाई स्कूल स्याहीमूड़ी में हिंदी दिवस प्राचार्य डॉ फरहाना अली के दिशा निर्देश से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हिंदी दिवस एवम हिंदी भाषा के महत्व को समझाते हुए डॉ फरहाना अली ने बच्चों को हिंदी दिवस मनाने के पीछे के उद्देश्य को उजागर करते हुए हिंदी भाषा पर चर्चा की। हिंदी भाषा की जननी के रूप में संरक्षण करने की सभा में अपील की। कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता सरोजिनी उइके ने हिंदी भाषा की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए हिंदी के इतिहास व महत्व पर रोचक जानकारी दी। उन्होंने हिंदी काव्य में भक्ति काल एवं आधुनिक काल के महान कवियों जैसे प्रेमचंद तुलसीदास सूरदास आदि कवियों के योगदान के बारे में बताया. महाकाव्य रामायण और महाभारत से भी बच्चों को संस्कारित शिक्षा देते हुए परिचित कराया . बच्चों में इस प्रकार हिंदी दिवस की महत्ता को बढ़ाने के लिए संस्था में विविध प्रतियोगिताएं चित्रकला, कविता ,स्लोगन, निबंध लेखन एमएम सुलेख आदि प्रतियोगिताएं रखी गई। सभी प्रतियोगिताओं में बच्चों ने बढ़ चढ़कर लगभग 25 प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दी. सभी प्रतिभागियों को हिंदी की व्याख्याता सरोजिनी उइके की ओर से पुरस्कृत किया गया ।कार्यक्रम का सफल संचालन गणित व्याख्याता प्रभा साव ने किया। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार है..
चित्रकला प्रतियोगिता..प्रथम अमन द्वितीय नेहा मंझवार तृतीय लक्ष्मी, रीमा श्रीवास,कविता पाठ..प्रथम अंजलि पटेल द्वितीय अजय कुमार, ऋषभ भारिया, तृतीय नेहा मंझवार
स्लोगन ..पहला रोशनी गोस्वामी
द्वितीय मधु यादव , अंशु लता
तृतीय लता महंत
निबंध ..प्रथम ऋषभ भारिया ,
दूसरा कृष ध्रुव तृतीय माधुरी पटेल
सुलेख ..प्रथम ऋषभ भारिया ,कृष ध्रुव द्वितीय पायल विश्वकर्मा,
तृतीय लता महंत।