पाली : सरपंच- सचिव ने आपदा को अवसर में बदला..! कोरेनटाइन सेंटर व सेनिटाइजर, मास्क के नाम पर मूलभूत एवं चौदहवें वित्त मद से निकाल ली साढ़े तीन लाख से अधिक की राशि, ग्रामीणों ने जाहिर की भ्रष्ट्राचार की आशंका, उचित जांच की अपेक्षा

कोरबा/पाली:- बीते कोरोना आपदा काल को अवसर में बदल सरपंच- सचिव ने मिलकर कोरोना त्योहार मनाते हुए मूलभूत एवं चौदहवें वित्त मद की राशि का मनमाने ढंग से क्वारन्टीन सेंटर में प्रवासी मजदूरों हेतु राशन एवं अन्य सामाग्री सहित मजदूरों व ग्रामीणों को सेनिटाइजर, मास्क वितरण के नाम पर बेहिसाब आहरण कर शासन को बिल प्रस्तुत किया है। जिस मामले को लेकर यहां के ग्रामीणों द्वारा सरपंच- सचिव पर भ्रष्ट्राचार किये जाने की आशंका जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों से उचित जांच का अपेक्षा किया गया है।

पाली जनपद पंचायत अंतर्गत बीहड़ पहाड़ी एवं दूरस्थ वनांचल ग्राम पंचायत सपलवा को गत कोरोना आपदा काल के दौरान शासन द्वारा मूलभूत व चौदहवें वित्त मद में लाखों की राशि जारी किया गया, लेकिन इस राशि का सरपंच खुशबू सिंह एवं सचिव शिवराम निषाद ने मिलकर प्रवासी मजदूरों के लिए बनाई गई क्वारन्टीन सेंटर हेतु राशन एवं अन्य सामाग्री खरीदी सहित सेनिटाइजर, मास्क वितरण के नाम पर बिना किसी मापदंड के बेहिसाब राशि खर्च बताकर संबंधित विभाग को बिल प्रस्तुत करते हुए शासन के आंख में धूल झोंकने का काम किया है। जहां कोरोना संक्रमण से बचाव के नाम पर 23 जून 2020 को सेनिटाइजर एवं नाका खर्च हेतु 15 हजार व 03 जुलाई को सेनिटाइजर एवं शासकीय भवनों की साफ- सफाई कार्य के नाम पर 30 हजार की राशि मूलभूत से आहरण किया गया। इसी प्रकार 14वे वित्त मद से 14 सितंबर 2020 को चार किश्तों में क्रमश- कोरेनटाइन सेंटर हेतु 80 हजार 5 सौ 53 रुपए की सामाग्री खरीदी, राशन सामाग्री भुगतान के नाम पर 56 हजार 9 सौ 90 रुपए की राशि, 47 हजार 1 सौ 98 रुपए की पुनः सामाग्री व 47 हजार 65 रुपए की राशन खरीदी हेतु उक्त राशि आहरण किया गया है। इसके अलावा 30 सितंबर 2020 को सेनिटाइजर भुगतान के नाम पर 49 हजार 9 सौ 50 तथा इसी वर्ष 29 जून 2021 को मास्क व सेनिटाइजर वितरण के नाम पर 40 हजार 5 सौ की राशि आहरित की गई। इस प्रकार कोरेनटाइन सेंटर के लिए राशन व अन्य सामाग्री खरीदी सहित प्रवासी मजदूरों एवं ग्रामीणों को सेनिटाइजर व मास्क वितरण किये जाने के नाम पर कुल मिलाकर 3 लाख 67 हजार 2 सौ 56 रुपए की राशि का सरपंच- सचिव द्वारा मिलकर मूलभूत, 14वे वित्त मद से आहरण किया गया है। जहां इतनी बड़ी राशि खर्च करने को लेकर यहां के ग्रामीणों का कहना है कि मूलभूत व चौदहवे वित्त की राशि ग्रामीण विकास के लिए आई थी, जिसे बनाई गई कवारेंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूरों के राशन एवं अन्य सामाग्री सहित सेनिटाइजर व मास्क वितरण के नाम पर सरपंच- सचिव द्वारा मनमाने आहरण कर बेझिझक अनियमितता को अंजाम दिया गया है। जबकि कोरेनटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूरों के लिए राशन व अन्य सामाग्री खरीदी के नाम पर जो राशि आहरण किया गया है, बमुश्कित उस राशि का आधा भी राशन व अन्य सामाग्री पर खर्च नही हुआ होगा। इसी प्रकार पूरे कोरोना आपदा काल मे ग्राम के गिनती भर लोगों को ही सेनिटाइजर व मास्क का वितरण किया गया होगा। सरपंच- सचिव द्वारा इतनी बड़ी राशि खर्च किये जाने को लेकर ग्रामीणों ने भ्रष्ट्राचार की आशंका व्यक्त की है तथा इस मामले में सम्बंधित अधिकारियों से उनकी उपस्थिति में उचित जांच की अपेक्षा की गई है। इस संबंध पर प्रतिक्रिया जानने सचिव शिवराम निषाद से संपर्क किया गया तब उनका कहना था कि पूरे हिसाब का बिल है जिसे देखकर ही बताया जा सकता है। वैसे कोरेनटाइन सेंटर एवं मास्क, सेनिटाइजर पर वास्तविक सवा लाख के आसपास खर्च हुआ है। तथा इधर- उधर खर्च के लिए कुछ ऊपर- नीचे तो पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि पाली विकासखण्ड अंतर्गत दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों के सरपंच- सचिव की मनमानी चरम सीमा पर है। और मूलभूत, चौदहवें वित्त की राशि इनकी पॉकेटमनी बनकर रह गई है। तथा उक्त राशि का उपयोग अधिकतर सरपंच- सचिव अपने निजी हित के लिए अथवा पंचो को खुश करने के उद्देश्य से पिकनिक मनाने में खर्च करते है। जहां इनके इस कृत्य की जड़ें जनपद कार्यालय तक जुड़ी है, जो अधिकारियों- कर्मचारियों के संरक्षण में मूलभूत एवं चौदहवे वित्त की राशि का जमकर दुरुपयोग करते हुए अपनी झोली भरने का काम करते है। चूंकि मूलभूत व 14वे वित्त की राशि ग्रामीण जनता के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए है। मगर इसे गांव के पंच परमेश्वर अपनी जागीर समझते हैं। ऐसे में सरपंच- सचिव कागजी घोड़ा दौड़ाकर मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं ग्रामीण विकास कर रहे है।