मरवाही नए जिले का पुराना रेंजर सुर्खियो में खबर मरवाही के रसूखदार वनपरिक्षेत्राधिकारी की

रितेश गुप्ता

मरवाही:-शासन के नियमों के विरुद्ध मरवाही वनपरिक्षेत्र में विगत 6 वर्षो से पदस्थ वनपरिक्षेत्राधिकारी संजय त्रिपाठी मरवाही वनपरिक्षेत्र में करोड़ो का भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। वही बीते 6 सालों में करोड़ो रूपये का फर्जी गोबर खाद खरीदी घोटाला, ग्रीन इंडिया मिशन योजनांतर्गत ECP का भ्रष्टाचार, फर्जी बिल बाउचर बनाकर शासन को करोड़ो का चूना लगाये जाने के गंभीर आरोप है।

शिकायतकर्ताओं की माने तो उपरोक्त फर्जीवाड़े से कमाए भ्रष्टाचार के रुपयों से मंत्री और विधायक का मुंह बंद किया जाता है और अपने काले कारनामो पर पर्दा डालने का प्रयास किया जाता है। जानकर कहते हैं कि आगामी 6 महीने में मरवाही विधानसभा उपचुनाव होना है मरवाही विधानसभा में विधायक बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.

संबंधित पार्टी प्रत्यासी जिसे यह चाहते है करोड़ो की फंडिंग कराकर जिताने हराने का जिम्मा लेते है. इतना ही नही सत्तासीन पार्टी के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, वनमंत्री को किया है कि इसे अन्यत्र स्थानांतरित कर इनके द्वारा कराए गए भ्रष्टाचार की जांच कराई जावे। तो रेंजर अब अपनी पत्नी चंदन त्रिपाठी जो वर्तमान में मंत्रालय में उच्च पद पर पदस्थ है उनका दबाव बनवाकर मरवाही विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव हेतु मरवाही विधानसभा क्षेत्र का चुनाव पर्यवेक्षण नियुक्त करा लिया है ताकि विधानसभा मरवाही में अपना विधायक बनवा सके जबकि पिछले चुनाव में भी संजय त्रिपाठी की शिकायत राज्य चुनाव आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई थी कि यह चुनाव को प्रभावित कर सकते है मगर इस पर लीपापोती कर जांच की गई और इन्हें नही हटाया गया जिसका फायदा उठाकर यह अब तक मरवाही वनपरिक्षेत्र में अपनी पैठ बनाये हुए है बीते चुनाव में भी इनके द्वारा लाखो की फंडिंग का आरोप लगा था। वही पिछले चुनाव की भांति इस चुनाव में भी स्थानांतरण से बचने के लिए पुनः चुनाव में ड्यूटी लगवाई गई है . तब सवाल यह भी खड़ा होता है जिसपर बार बार राजैनतिक पार्टियों को फंडिंग का आरोप लगता आ रहा है उस अधिकारी को चुनाव पर्यवेक्षक बनाया जाना कितना सही है .

वही आपको बता दे की मरवाही आदिवासी अंचल की जागरूक जनता जो इनके भ्रष्टाचार की जांच चाहते है उन्हें भी धमकाया जाता है कि मेरी पत्नी जल्द ही IAS अवार्ड हो जाएगी मैं अपनी पत्नी को नवनिर्मित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही का कलेक्टर बनवाऊंगा फिर इस क्षेत्र में मेरा कौन क्या करेगा .

और कलेक्टर बनते ही सभी विरोधियों को ठिकाने लगवाऊंगा . यहाँ यह भी महत्वपूर्ण है कि मटियाडाँड़ के धर्मगुरु के माध्यम से अपनी पैठ वनमंत्री मो. अकबर से स्थापित कर भ्रष्टाचार का खुला खेल इनके द्वारा खेला जा रहा है अब ऐसे में इनके करोड़ो का घोटाला कैसे उजागर होगा . इनके भ्रष्टाचार से मरवाही मरुभूमि बन चुका है ऐसे में केंद्रीय वन, पर्यावरण मंत्रालय से अपील की जाती है कि इस भ्रष्ट अधिकारी को निलंबित कर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराया जाए जिससे मरवाही वन मंडल को बचाया जा सकेगा .