दमहामुड़ा:सरपंच के अधिवक्ता ने पेश किया हाई कोर्ट का स्थगन आदेश,मतदान हुआ स्थगित….पंचो में छाई मायूसी।

दमहामुड़ा:सरपंच के अधिवक्ता ने पेश किया हाई कोर्ट का स्थगन आदेश,मतदान हुआ स्थगित….पंचो में छाई मायूसी।

दमहामुड़ा:जैसा कि विदित है आज 22 अक्टूबर 2021 को ग्राम पंचायत दमहामुड़ा में पंचो के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान प्रकिया होनी थी,लेकिन मतदान होने से पूर्व ही सरपंच के अधिवक्ता ने बिलासपुर हाई कोर्ट से स्थगन आदेश पेश कर पंचो के मनसूबो पर पानी फेर दिया।पंच कुछ समझ पाते इससे पहले ही मतदान की प्रक्रिया ने दम तोड़ दिया और पंचो के चेहरों पर मायुसी के बादल छा गए।पूरे दस पंच एकराय होकर सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये थे।

आज ग्राम पंचायत दमहामुड़ा में सरपंच के खिलाफ पंचो का अविश्वास प्रस्ताव को लेकर ग्राम पंचायत भवन में मतदान की प्रक्रिया होनी थी,जिसे लेकर पूरे दस पंचो सहित सरपंच मालती राज,उपसरपंच नेम सिंह ओड़े,नोडल अधिकारी रविशंकर राठौर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।मतदान का नियत समय 12 बजे रखा गया था।मतदान प्रक्रिया शुरू होने वाली थी कि सरपंच मालती राज के अधिवक्ता नीलेश श्रीवास ने नोडल अधिकारी के समक्ष बिलासपुर हाई कोर्ट का स्थगन आदेश पेश कर दिया।जिस पर मतदान की प्रक्रिया स्थगित हो गई।

स्थगन आदेश आते ही मतदान की प्रक्रिया आगामी दिनों तक स्थगित हो गई,जिस पर पंचो के होश उड़ गए और वे अगल बगल झांकने लगे।पूरे पंचो ने मिलकर सरपंच को हटाने की ठान ली थी पर उन्हें क्या पता था,हाई कोर्ट का स्थगन आदेश उनके मंसूबों पर पानी फेर देगा।

पंचो में छाई मायूसी…दे सकते हैं सामूहिक इस्तीफा..

पंचो की माने तो पूरे पंचायत में सरपंच मालती राज व इनके करीबियों ने तानाशाही रवैया अपना रखा है जिस वजह से इनका पंचायत के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है।बिना प्रस्ताव के राशि आहरण की जा रही है। में इनके रवैये से तंग आकर पंचो ने सरपंच के खिलाफ पोड़ी एसडीएम के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।

पंच स्थगन आदेश को समझ पाते कि मतदान प्रक्रिया स्थगित हो गई,जिस पर पूरे पंचो में मायूसी छा गई।पूरे दस पंच एकजुट थे पर हाई कोर्ट के आदेश ने पंचो के होश फाख्ता कर दिए और इन्होंने स्थगन आदेश को सही नही मानते हुए सामूहिक इस्तीफ़ा देने की बात कही है।उपसरपंच ने बताया कि पंचायत भवन में मौजूद नोडल अधिकारी ने स्थगन आदेश के बारे में पूरी जानकारी नही दी और न ही स्थगन आदेश पढ़कर सुनाया गया और न ही स्थगन आदेश की समय अवधि बताई।

पंचो के अविश्वास प्रस्ताव पर,सरपंच का स्थगन आदेश भारी

पूरे पंचो ने एकराय होकर सरपंच के तानाशाही रवैये से छुटकारा पाने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था,लेकिन सरपंच के अधिवक्ता ने स्थगन आदेश लाकर पूरा माजरा ही बदल दिया।जिस वजह से मतदान अगामी दिनों तक स्थगित हो गया।सभी पंच स्थगन आदेश के आगे नतमस्तक हो गए और सरपंच के कारगुजारियों का हवाला देकर आगे की लड़ाई लड़ने की मंशा जाहिर करते हुए सामूहिक इस्तीफ़ा देने की बात की है।