बिलासपुर : चिल्हाटी की जमीन को कूटरचित कर बेचने की साजिश में छोटे कुमार कुर्रे पर हुई एफआईआर,पुलिस अधीक्षक ने लिया था संज्ञान ,सरकंडा पुलिस ने की बड़ी कार्यवाही।
चिल्हाटी की जमीन को कूटरचित कर बेचने की साजिश में छोटे कुमार कुर्रे पर हुई एफआईआर,पुलिस अधीक्षक ने लिया था संज्ञान ,सरकंडा पुलिस ने की बड़ी कार्यवाही।
छोटे कुमार कुर्रे पर अपराध धारा 420, 467, 468, 471,384 भादवि का प्रथम दृष्टया अपराध दर्ज हुआ।
चिल्हाटी खसरा नम्बर 280/2 रकबा 0.86एकड़ का है मामला इस खसरे के दस्तावेजों के साथ हुई छेड़छाड़।
मोपका और सिरगिट्टी में भी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक से लेकर थाना प्रभारियों को भी की गई है।
(पत्रकार गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट)
बिलासपुर-: प्रदेश की न्यायधानी इस समय सुर्खियों में है शहर से लगे मोपका,चिल्हाटी, लिंगियाडीह,सिरगिट्टी में जमीन का फर्जी दस्तावेजों को बना कर बेचने का मामला आये दिन पेपरों की सुर्खियों में बना हुआ है । पुलिस अधीक्षक दीपक झा के द्वारा इस समय जमीनों की शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए सम्बंधित थानों को जांच के लिए कहा जिसमे बर्तमान में भोंदू दास मोपका , विजय यादव सिरगिट्टी को लेकर शिकायत की गई है जिसमे आभी जांच चल ही रही है जिसमे भोंदू दास का बयान हो चुका है इन मामले पर भी जल्द बड़ी कार्यवाही होने की बात सामने आ रही है । अभी हाल ही चिल्हाटी के खसरा नम्बर 280/2 पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकंडा पुलिस ने छोटे कुमार पर अपराध दर्ज किया है शिकायतकर्ता ममन प्रतीक पिता के0 एल0 आर0 नायडू ने थाना प्रभारी महोदय एवं श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय के समक्ष लिखित शिकायत प्रस्तुत किया कि छोटे कुमार पिता झाडू राम कुर्रे निवासी चिल्हाटी के द्वारा उसके द्वारा प्रस्तुत उसके हक एवं स्वामित्व की भूमि स्थित मौजा चिल्हाटी पoह0न0 29 खसरा नं0 280/2 रकबा 0.86 एकड को बिक्री करने का पक्का सौदा दिनांक 08.06.2019 को कुल 18 लाख रूपये मे इकरार किया था जिसके एवज मे विक्रेता छोटे कुमार कुर्रे ने दिनांक 08.06.2019 को चेक क्र. 261821 के द्वारा 01 लाख रूपये तथा दिनांक 04.09.2021 को चेक क्र. 261826 के द्वारा 01 लाख रूपये कुल रकम 02 लाख लेकर उपरोक्त भूमि का विक्रय करने का इकरानामा निष्पादित किया था। उसने इकरानामा में यह विश्वास दिलाया था कि उपरोक्त वर्णित इकरारनामित भूमि त्रुटिवश राजस्व अभिलेखो में राजेन्द्र देवांगन एवं एहसान उल हक के नाम पर दर्ज है जिसे दुरुस्त करवाकर यह मुझे उपरोक्त वर्णित इकरारनामित भूमि की रजिस्ट्री कर देगा पर समाचार पत्र दैनिक हरिभूमि के माध्यम से यह पता चलने पर कि छोटे कुमार अपने नाम से रजिस्ट्री के फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैय धोखाधडी किया है कि बात पर मैने छोटे कुमार से अपने एडवांश रकम के बारे में बोला तो वह कागजात दुरुस्त करवाकर मैं रजिस्ट्री कर दूंगा पर मुझे आशंका एवं विश्वास है कि जिला पंजीयक कार्यालय बिलासपुर तथा जिला भू अभिलेख नकल शाखा कलेक्ट्रेट के अधिकारी एवं कर्मचारी से मिली भगत कर छोटे कुमार कुर्रे द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर मेरे साथ धोखाधडी कर रहा है कि शिकायत जांच पर आवेदक के मनन प्रतीक एवं अनावेदक छोटे कुमार कुर्रे का कथन दर्ज किया गयाफ जिला भू अभिलेख नकल शाखा कलेक्ट्रेट तथा जिला उपपंजीयक कार्यालय बिलासपुर में गंभीर जांच के दौरा प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त करने एवं मूल दस्तावेजो को दर्शित कराने की अनुमति प्राप्त कर जांच की गई जो प्रथम दृष्टया यह जांच में पाया गया है कि ग्राम चिल्हाटी के वर्ष 1984-85 के खसरा बी-1 का अवलोकन किया गया जिसमें पाया गया कि वर्ष 1984-85 के बी-1 में देवान एवं अन्य पिता दुकालू का नाम दर्ज है परन्तु खसरा पंचशाला वर्ष 1984-85 के अभिलेख में आरोपी छोटे कुमार कुर्रे का नाम प्रथम दृष्टया पुराने किसी प्रवष्टि को रगडकर मिटाकर आरोपी छोटे कुमार कुर्रे का नाम अंकित किया गया है एवं अधिकार अभिलेख (वर्ष 1954-55 जमाबंदी) के अनुसार देवान पिता दुकालू ने • अपनी खसरा नं0 280/2 रकबा 0.86 एकड को वर्ष 1979 तक किसी को भी बिक्री नही किया है दर्शित होता है। उपरोक्त शिकायत जांच में आरोपी जांच छोटे कुमार कुर्रे पिता झाडूराम के विरुद्ध स्वयं को सदोष लाभ अर्जित करने के आशय एवं दूसरे को सदोष हानि के आशय से जिला पंजीयक कार्यालय बिलासपुर एवं भू- अभिलेख शाखा कलेक्ट्रेट बिलासपुर की मिली भगत से खसरा नं0 280/2 रकबा 0.86 एकड ग्राम चिल्हाटी का फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इकरारनामित क्रेता के0 मनन प्रतीक से चेक द्वारा कुल बिक्री रकम 18 लाख रूपये में से सदोष लाभ अर्जित करने के आशय से अग्रिम राशि 02 लाख रूपये प्राप्त किया है। इस प्रकार अभी तक की शिकायत जांच में आरोपी छोटे कुमार के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अपराध धारा 420, 467, 468, 471,384 भादवि का प्रथम दृष्टया अपराध दर्शित पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाता है।