सरपंच- सचिव की लापरवाही ने ली 8 गौवंश की जान, कांजीहाउस में भूख-प्यास से तड़प- तड़प कर हो गई मौतें, अन्य मवेशियों की हालत गंभीर, प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे जांच में

सरपंच- सचिव की लापरवाही ने ली 8 गौवंश की जान, कांजीहाउस में भूख-प्यास से तड़प- तड़प कर हो गई मौतें, अन्य मवेशियों की हालत गंभीर, प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे जांच में

कोरबा/पाली/रितेश गुप्ता :- राज्य सरकार भले ही गौवंश संरक्षण- संवर्धन के लिए गंभीर हो गौठान जैसी महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वित कर रही हो, लेकिन कुछ जिम्मेदार लोग इसे कान का मैल जैसा समझ योजना के संचालन में घोर कोताही बरत रहे है। जिससे बेजुबान गौवंश की अकारण जाने जा रही है। ऐसा ही मामला एक ग्राम पंचायत का सामने आया है, जहां कांजीहाऊस में बद्तर माहौल में रखे गए मवेशियों में से 8 गौवंश की मौत भूख-प्यास से तड़प- तड़प कर हो गई है।

पाली विकासखंड अंतर्गत एवं कटघोरा विधानसभा के अधीन आने वाले ग्राम पंचायत रामपुर में पंचायत के द्वारा 3- 4 लोगों को आवारा घूमने वाले मवेशियों को पकड़कर गांव के कांजी हाऊसनुमा भवन में रखने का जिम्मा दिया गया है। जिनके द्वारा मवेशियों को यहां ला कर रखा जा रहा था। किंतु जिम्मेदार सरपंच- सचिव द्वारा उन बेजुबानों के लिए चारा- पानी के व्यवस्था की ओर ध्यान नही दिए जाने के परिणामस्वरूप भूख- प्यास से तड़प- तड़प कर एक माह के भीतर 8 गायों की अकारण मौतें हो गई। सरपंच- सचिव द्वारा फसलों की रक्षा के लिए घुमंतु मवेशियों को कांजीहाउस में रखवा तो दिया गया लेकिन उनके चारे- पानी की जिम्मेदारी नही उठाई गई जिससे भूखे- प्यासे गौवंश की जाने गई। इस विषय पर स्थानीय ग्रामीण भीम चौहान ने बताया कि गांव में घूमने वाले मवेशियों को कांजीहाउस में बिना चारा- पानी के कैद कर दिया गया था। जिसके अभाव में 8 मवेशी ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा परमात्मा पटेल ने बताया कि 4 गायों की एक सप्ताह पूर्व मौत हुई थी, जिन्हें फेंक दिया गया था। तथा बीते दिन पूर्व 4 मवेशी और मरे हैं व 3 की हालत काफी गंभीर है। वहीं घुमंतु मवेशियों को पकड़कर कांजीहाउस ले जाने के काम मे लगे राजेन्द्र ने बताया कि सरपंच के कहने पर गांव में विचरण कर रहे मवेशियों को पकड़कर कांजीहाउस में रखता है। जिसके लिए उसे मजदूरी भी नही दी जाती। लेकिन कांजीहाउस के भीतर चारे- पानी की सुविधा उपलब्ध नही होने से गायों की जान गई है। फिलहाल मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारी रामपुर पहुँचकर खबर लिखे जाने तक जांच में जुटे हुए है। जहां जांच उपरांत सारे तथ्य सामने आ पाएंगे।