पसान नहीं बनेगा GPM का हिस्सा:राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा- यह मंच की बात थी; BJP बोली- कांग्रेस की कथनी-करनी में अंतर
छत्तीसगढ़ के कोरबा का पसान क्षेत्र अब गौरला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में शामिल नहीं होगा। प्रदेश के राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हमारे कहने पर ही घोषणा की गई थी। यह मंच की बात थी। हम उसे तहसील बनाने जा रहे हैं। आगे जरूरत पड़ी तो अनुभाग बनाएंगे। किसी भी क्षेत्र के लोगों का ज्यादातर काम तहसील स्तर से ही हो जाता है। वहीं BJP ने इसे कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर बताया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवगठित जिले GPM के उद्घाटन समारोह में 10 फरवरी 2020 को कोरबा के पसान राजस्व निरीक्षक सर्किल के गांवों को शामिल करने की घोषणा की थी। अब इसे लेकर राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बताया कि पाली-तानखार से विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने कहा था कि दूरी के चलते इसे शामिल किया जाना चाहिए। इस पर घोषणा की गई। अब उनके कहने पर ही इसे स्थगित किया गया है।
सांसद अरुण साव ने कहा- राज्य में प्रशासनिक अराजकता
राजस्व मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है। BJP प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि पूरे देश में राज करने वाली कांग्रेस आज तीन राज्यों में सिमट गई है। उनको कभी भी अपनी किसी घोषणा को शत प्रतिशत पूरा नहीं किया। बिलासपुर सांसद अरूण साव ने कहा कि राज्य में प्रशासनिक अराजकता का वातावरण है। सरकार और मंत्रियों में समन्वय नहीं है, इसलिए इस प्रकार की स्थिति निर्मित हो रही है।
पेंड्रा से महज 26 किमी दूर है पसान
पसान क्षेत्र पेंड्रा से महज 26 किमी की दूरी पर है, जो कि अपने एसडीएम मुख्यालय पोंड़ी-उपरोड़ा से भी काफी कम है। पसान के लोगों की मांग पर ही मुख्यमंत्री ने नए जिले में शामिल करने की घोषणा की थी। इसके बाद कोरबा प्रशासन और नए जिले के बीच पत्राचार और प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी। पसान राजस्व सर्किल के आधे गांवों में जनसुनवाई के दौरान सहमति भी बनी कि वे नए जिले में शामिल होना चाहते हैं।