कटघोरा: अवसर को आपदा में बदलने की कोशिशें शुरू.. खुले बाजार में बढ़ने लगे तेल, प्याज, आटे के दाम.. लॉकडाउन के डर से ग्रामीण दुकानदारों का शहर कूच..
कटघोरा: अवसर को आपदा में बदलने की कोशिशें शुरू.. खुले बाजार में बढ़ने लगे तेल, प्याज, आटे के दाम.. लॉकडाउन के डर से ग्रामीण दुकानदारों का शहर कूच.
कोरबा : कोरोना वायरस के नए वैरियंट के दस्तक और मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी ने जहां एक तरफ प्रशासन के माथे पर शिकन ला दिया है तो दूसरी ओर लॉकडाउन की आहट से ग्रामीण इलाकों में भी अलग किस्म की दहशत महसूस की जा रही है. विगत दो वर्षों से लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू व कड़े प्रतिबंधों का सामना कर चुके लोग अपनी दैनिक जरूरतों को लेकर सजग हो गए है. वे बड़े पैमाने पर खरीदारी करने नगरीय क्षेत्र के बाजारों में पहुंच रहे है. हालांकि शासन, प्रशासन दोनों ही इकाइयों ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताते हुए हाल- फिलहाल ऐसी स्थिति निर्मित नही होने का आश्वासन दिया है बावजूद ग्रामीण जनता शासन-प्रशासन के इस दिलासे से इत्तेफाक नही रखती. किसी भी तरह के संभावित समस्या से बचने वे राशन समेत दूसरे दैनिक जरूरतों का सामान खरीदने कटघोरा के बाजार पहुंच रहे है. इससे ना सिर्फ कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो पर रहा है बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी महामारी के फिर से पैर पसारने की आशंका बढ़ गई है. नगर के कई थोक व्यापारियों के दुकानों में सुबह से उमड़ने वाली भीड़ देखी जा सकती है. हालांकि नगर पालिका दुकानदारों को ग्राहकों से कोविड गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर लेनदेन की समझाइस दे रही है बावजूद इसका कोई खास असर होता नही दिख रहा.
दूसरी ओर कोरोनो से जुड़े प्रतिबन्धों के एलान के बाद दैनिक सामानो के मांग में आई तेजी का फायदा उठाने की कोशिश भी शुरू हो चुकी है. राशन से जुड़े कई सामानो की कमी का हवाला देकर उनके दरों में बढ़ोतरी कर दी गई है. बात खुले बाजार में प्याज की करे तो चिल्हर दामो में भी पांच से दस रुपये तेजी देखी गई है. इसी तरह पैकेट बंद गेंहू आटे की कीमत में भी प्रति किलो चार से पांच रुपये उछाल दर्ज हुआ है. खाद्य तेल के दाम जिनके दाम पिछले साल के चौथे तिमाही में निम्न स्तर पर था उनमें भी प्रति पीपा तकरीबन दो सौ से ढाई सौ रुपये की तेजी आई है. कई दुकानदारों ने माल की आपूर्ति नही होने की बात कहते हुए चिल्हर बिक्री भी बन्द कर दी है. व्यापारी इसके लिए रायपुर, बिलासपुर के थोक बाजारों में माल की कमी का हवाला दे रहे है जबकि स्थानीय लोगो का कहना है कोरोना संकट में पहले भी खाद्य सामानो की कृत्रिम अभाव पैदा कर ज्यादा मुनाफा का प्रयास होता रहा है. इस बात की पूरी आशंका है आने वाले दिनों में जब प्रशासन बाजारों पर अपने प्रतिबंध बढ़ाएगा वैसे-वैसे सामानो के कीमतों में दाम बढ़ेंगे. आम लोगो ने भी चोरी छिपे जमाखोरी की आशंका जाहिर की है. दूसरी ओर सब्जियों में भी टमाटर, गाजर सरीखे सब्जियों के दामो में भी प्रति किलो 14 से 20 रुपये तक बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि प्रशासन की टीम ऐसे किसी भी कृत्य को रोकने के लिए सजग है.
पान मसाला के दामो में भी वृद्धि.
लॉकडाउन जैसे हालात में जिन सामानो के कीमतों में सबसे ज्यादा उछाल नजर आता है वह है पान मसाला. यही स्थिति इस बार भी है. भले ही अभी लॉकडाउन का एलान ना हुआ हो बावजूद बाजार में बिकने वाले पान मसाला के दाम एकाएक दोगुने हो चले है. पान मसाला एक व्यवसायी ने बताया कि सो अलग अलग गुटखे जिनके पैकेट की कीमत स्थायी तौर पर पिछले हफ्ते 125 रुपये था वह डेढ़ सौ रुपये जा पहुंचा है. इसी तरह कोरोना के लौटने का असर गुड़ाखु प्रेमियों पर भी पड़ रहा है. बाजार में गुड़ाखु की कमी और उसके दामो में भी वृद्धि हुई है.
जिला कलेक्टर ने जारी किए है आदेश.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के फैलाव से बदलते माहौल के बीच जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चावल-दाल जैसी राशन सामग्रियों और सब्जियों के दाम बढ़ने तथा उनकी कालाबाजारी एवं जमाखोरी की अपुष्ट खबरों को कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने गम्भीरता से लिया है. उन्होंने लोगों का आश्वस्त किया है कि निकट भविष्य में राज्य सरकार द्वारा कोविड संक्रमण के कारण लॉकडाउन करने की अभी तक कोई योजना नहीं है. ऐसे में कलेक्टर ने किसी भी परिस्थिति में अति आवश्यक चीजों की जमाखोरी या उन्हे सामान्य दिनों के दामों से अधिक दाम पर नहीं बेचने की अपील दुकानदारों से की है. कलेक्टर ने कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में सभी व्यापारियों से अपना सहयोग देने की अपील की है और राशन, सब्जियों आदि की कालाबाजारी तथा जमाखोरी नहीं करने को कहा है. श्रीमती साहू ने सभी व्यापारियों और राशन दुकानों में उपलब्ध सामग्रियों का स्टॉक निरीक्षण करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिये हैं. कलेक्टर ने तहसीलदारों एवं पटवारियों को निर्देशित किया है कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में आलू-प्याज, तेल, दाल, चावल, दूध, सब्जी, नमक आदि जरूरी खाद्य सामग्री उचित दामों पर ही मिलना सुनिश्चित करें. किसी भी दुकानदार द्वारा अधिक दाम में चीजों की बिक्री की सूचना मिलने पर संबंधित विक्रेता के विरूद्ध विधिसम्मत प्रकरण तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित करें. कलेक्टर श्रीमती साहू ने यह भी निर्देश दिये हैं कि यदि कोई दुकानदार, संस्थान आवश्यक वस्तुओं को एमआरपी से अधिक दाम में बेचते हुये पाया जाता हैं तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत् कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी. कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी या कालाबाजारी के बारे में किसी भी माध्यम से प्राप्त शिकायत, फीडबैक पर त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा व्हाट्सअप के माध्यम से नियमित रिपोर्टिंग भी करें.
अभी लॉकडाउन की कोई योजना नहीं, लोग जरूरत अनुसार ही खरीदें सामग्री.
कोविड के बढ़ते मामलों के बीच कलेक्टर ने साफ कहा है कि आने वाले दिनों में जिले में लॉकडाउन जैसी कोई योजना नहीं है. दैनिक उपयोग की चीजों वाली राशन और किराना दुकानें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निर्धारित समय पर ही संचालित होंगी. कलेक्टर श्रीमती साहू ने कहा कि लोग बिना किसी घबराहट और शंका-आशंकाओं के यथा संभव अपने घरों में रहें, स्वयं को साफ और स्वस्थ रखें. सामानों की अतिरिक्त खरीदी के लिये दुकानों में भीड़ न लगायें और न ही अतिरिक्त सामान खरीदकर घरों में जमा करें, ताकि बाजार में जरूरी सामान की कमीं न हो और दूसरे लोगो को सामान आसानी से सामान्य कीमत पर मिल सके. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से ही राशन और खाने-पीने की सामग्री खरीदें तथा घरों में रखें. जरूरत पड़ने पर ही दुकानों पर जायें और सामान खरीदकर लायें. उन्होने कहा कि जिला वासियों को राशन और खाने-पीने की चीजें, दवाईयां आदि अति जरूरी सामान उपलब्ध कराने के लिये सभी जरूरी इंतजाम प्रशासन द्वारा किये जा रहे हैं. जिले में कोविड नियंत्रण को लेकर प्रशासन सजग है तथा सभी लोगों से प्रशासन के सहयोग की अपेक्षा है.