जांजगीर चांपा: सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का अंतिम दिन…श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन में शामिल होने भगवताचार्य के भागवत गंगा प्रवाह से जुट रही हैं अथाह भीड़-भाड़..
भगवान श्रीकृष्ण का आत्मिक आनंद पाने वृंदावन से विशेष रुप से पधारें महान संत कथा का रसास्वादन करा रहे हैं
मन से विरक्त ज्ञानी, ध्यानी , संत-महात्मा और आध्यात्मिक पुरुष भी अपना मन भगवान श्रीकृष्ण के मनन में लगाते हैं, इसी से मन की शुद्धि होती हैं : हनुमान दास महराज जी, वृंदावन वाले
जांजगीर चांपा: नगर के कृष्णा निवास के प्रांगण में इन दिनों भक्ति-भाव की भागवत गंगा की धारा बह रही हैं । इसका कारण श्रद्धालु भक्तों को वृंदावन धाम से महान संत परम- पूज्य पंड़ित हनुमान दासजी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का पुण्य लाभ मिल रहा हैं । प्रतिदिन यूट्यूब से भी श्रीमद्भागवत कथा का लाइव प्रसारण किया जा रहा हैं और घर बैठे परमानंद का आनंद ले रहे हैं। अग्रवाल समाज के समाजसेवी गुलजारी लाल मोदी के वार्षिक श्राद्ध निमित्त श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग की मनभावन झांकियों का दर्शन श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से करने को मिला । आयोजन को सफल बनाने में विनोद कुमार, जगदीश प्रसाद,संतोष, बिहारी लाल मोदीजी जुटे हुए हैं।
व्यासपीठ पर विराजमान हनुमान दासजी ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद बाल लीलाओं के साथ धर्म, आध्यात्म, भक्ति, परमात्मा, ज्ञान और कर्म आदि के गूढ़ रहस्यों के बातों को बहुत ही सुन्दर ढंग से व्यक्त किया। कथावाचक महराजजी ने श्रीमद्भागवत कथा के विभिन्न उदाहरणों को अपनी कथा में रस विभोर कर प्रस्तुत कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि भगवान के चरित्र की कथा और उसके परम पावन नामों का संकीर्तन इन्द्रियों को शुद्धि प्रदान करने वाला हैं।मन से विरक्त,संत महात्मा भी समय निकालकर मन की शुद्धि के लिए भगवान के नामों का स्मरण और ध्यान करते हैं ।
इस अवसर पर कृष्णा निवास स्थल से श्रीकृष्ण रुक्मिणी मंगल विवाह की बेला को आनंद और उल्लास प्रदान करने के लिए भक्तों ने बैड-बाजा की धुन पर डांस करते हुए कथा बारात निकाली । यह नगर भ्रमण करते और श्रद्धालु भक्तों को विवाह में आमंत्रण देते हुए खाटु श्याम मंदिर,चांपा पहुंची । वहां दर्शन पूजन करते श्याम गुणगान और नाचते गाते और एक दुसरे को बधाई देते हुए बारात की शक्ल में कथा स्थल की ओर पहुंची । द्धार पर स्वागत-सत्कार के बाद मंगल परिणय किया गया । रुक्मिणी विवाह मंगल प्रसंग शुरू होते ही मंगल गीतों से माहौल झूम उठा ।
धर्म-कर्म में रखने वाले और कथा श्रवण कर रहे शशिभूषण सोनी ने बताया कि रुक्मिणी ने ही लक्ष्मी की अवतार धारण की थी और द्वापर युग में कृष्ण अष्टमी के दिन जन्म हुआ था । रुक्मिणी-कृष्ण के विवाह की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं
। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलता हैं और रुक्मिणी की पूजा से संपत्ति की प्राप्ति होती हैं। शास्त्रों और पुराणों में भी यह बात वर्णित हैं कि आर्थिक संकट को दूर करने में रुक्मिणी देवी की पूजा सार्थक मानी गई हैं। कथावाचक हनुमान दास महाराज जी बहुत ही सुंदर ढंग से कथा सुनाकर कोसा, कांसा और कंचन की नगरी चांपा के लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं ।
विभिन्न समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चैनलों से संबद्ध रितेश गुप्ता जी अपने अल्प प्रवास से समय निकालकर कुछ क्षण के लिए पहुंचे और रुक्मणी विवाह के मंगल बेला में साक्षी बने।
उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक दंपति श्रद्धेय धार्मिक-आस्था से परिपूर्ण व्यक्तित्व दंपति विनोद कुमार मोदी और उनकी अर्धांगिनी श्रीमति शारदा देवी मोदी को विवाह वर्षगांठ पर बधाई दी। दोनों ने कथा स्थल पर एक दुसरे को वरमाला पहनाया गया ।
कथा स्थल विवाह महायज्ञ का पावन स्थल बन गया और लोग एक बार पुनः नाच गाकर इस पुण्य अवसर के साक्षी बने ।
आज श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने वालों में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड,चांपा के डायरेक्टर अशोक कुमार शर्माजी, बागोरिया जी, *राकेश बदौरिया* सुनील, किशोर, रामनारायण, शिवकुमार,गुलाब मोदीजी, अधिवक्ता महावीर प्रसाद, डाक्टर शांति कुमार , शशिभूषण सोनी, श्रीमति विमला, पुष्पा, कौशिल्या,गीता, मोहनी मोदी, इंदू अग्रवाल,पिताम्बर अग्रवाल, पूर्व नपाध्यक्ष प्रदीप नामदेव, अन्नपूर्णा देवी, दुर्गा, संतोषी, श्रीमति शशिप्रभा सोनी , नीलमणि गौरहा, इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली के अरविंद तिवारी,कान्हा तिवारी, रितेश गुप्ता,संतोष सराफ आदि प्रमुख जनों ने भागवत कथा का श्रवण किया व हनुमान दास महाराज जी से आशिर्वाद भी लिया।