पाली: तहसीलदार की संजीदगी, 3 साल से अटके पेंशन प्रकरण का 3 माह में किया निराकरण,

तहसीलदार पाली की संजीदगी, 3 साल से अटके पेंशन प्रकरण को 3 माह में किया निराकरण,

 

 

एक सप्ताह का अल्टीमेटम में 1 दिन में स्वीकृत कर डाली पेंशन राशि 

राजस्व पटवारी संघ के घेराव से पहले दिवंगत पटवारी के स्वत्वों का 90 फीसदी भुगतान 

कार्रवाई पंजी में अलग ,सेवा पुस्तिका में अलग दर्शा दी गई वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई से अंतिम निराकरण अटका 

कोरबा: स्वैच्छिक सेवानिवृत्त ले चुके दिवंगत पटवारी मंगतूराम बनर्दे की 3 साल से लंबित प्रकरण को कार्यभार ग्रहण करते ही संज्ञान में आने पर पाली तहसीलदार ने संजीदगी से लेते हुए निराकरण कर दिया । दिवंगत पटवारी मंगतूराम के पेंशन /उपादान की अनुमानित 90 फीसदी राशि की स्वीकृति आदेश तैयार कर दिया। एक सप्ताह की दी गई मियाद में महज एक दिन में तहसीलदार ने पेंशन स्वीकृत कर परिजनों के खाते में 4 लाख 24 हजार रुपए की राशि जारी करवा दी । पेंशन/उपादान के शेष 10 फीसदी स्वत्वों का निराकरण संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन बिलासपुर के द्वारा पेंशन प्रकरण में लगाई गई आपत्ति के निराकरण के उपरांत होगा। तहसीलदार के इस अनुकरणीय पहल के बाद जिला इकाई राजस्व पटवारी संघ द्वारा 9 मई को तहसील कार्यालय पाली के घेराव का कार्यक्रम महज औपचारिक साबित होगी। 

यहाँ बताना होगा कि तहसील कार्यालय पाली में पदस्थ रहे दिवंगत पटवारी मंगतूराम बनर्दे के आवेदन पर तत्कालीन कलेक्टर ने 5 मई 2020 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी थी। लेकिन इसके लगभग 3 वर्ष बाद भी मंतूराम के परिजनों को पेंशन/ उपादान प्रकरण के तहत मिलने वाली स्वत्वों का भुगतान नहीं होने से आक्रोशित जिला इकाई राजस्व पटवारी संघ ने 9 मई को तहसील कार्यालय पाली का घेराव कर दोषी लिपिकों (कानूनगो एवं नाजिर) पर एफआईआर दर्ज कराने ,निलंबित करने ,तत्काल प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने की मांग करने प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन इस घेराव के 3 दिन पूर्व ही तहसीलदार पाली श्रीमती ममता रात्रे ने संजीदगी से पहल कर दिवंगत पटवारी मंगतूराम के पेंशन /उपादान की अनुमानित 90 फीसदी राशि की स्वीकृति आदेश तैयार कर दिया।

एक सप्ताह की दी गई मियाद में महज एक दिन में तहसीलदार ने पेंशन स्वीकृत कर परिजनों के खाते में 4 लाख 24 हजार रुपए की राशि जारी कर दी । पेंशन/उपादान के शेष 10 फीसदी स्वत्वों का निराकरण संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन बिलासपुर के द्वारा पेंशन प्रकरण में लगाई गई आपत्ति के निराकरण के उपरांत होगा। दरअसल लंबित पेंशन प्रकरण को लेकर अफवाहें उड़ाई गई पटवारी संघ को भ्रमित किया गया। वास्तव में पूरा माजरा पेंशन उपादान प्रकरण में लगाई गई आपत्ति से जुड़ा हुआ है। प्राप्त दस्तावेज अनुसार तहसील कार्यालय पाली में पदस्थ रहे दिवंगत पटवारी मंगतूराम बनर्दे के आवेदन पर तत्कालीन कलेक्टर ने 5 मई 2020 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी थी। लेकिन इसके बाद जैसे ही 21 अक्टूबर 2021 को पेंशन /उपादान प्रकरण संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन बिलासपुर संभाग बिलासपुर को भेजा गया। वहां से 15 नवंबर 2021 को प्रकरण में आपत्ति लगाकर तहसील कार्यालय पाली को मूलतः वापस कर दिया गया। जिस में उल्लेख किया गया था कि दिवंगत पटवारी मंगतूराम बनर्दे को 20 अक्टूबर 1991 को निलंबित किया गया था। उन्हें 6 फरवरी 1992 को बहाल किया गया था। अंतिम निर्णय विभागीय जांच समाप्ति उपरांत लिखा गया । विभागीय जांच पूर्ण कर वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का निर्णन सेवा पुस्तिका में अंकित है परंतु आदेश दिनांक अंकित नहीं है। आदेश की छाया प्रति संलग्न कर उक्त आदेश का दिनांक लिखने का लेख किया गया था। ताकि वेतन वृद्धि किस वर्ष का रोका जाना है निश्चित हो सके। तदानुसार वेतन नियमन कर अधिक भुगतान का समायोजन करने लेख किया गया था। तहसीलदार पाली के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के 10 दिन के भीतर ही जैसे ही ममता रात्रे के संज्ञान में यह बात आई । उन्होंने पूर्व अधिकारियों के कार्यकाल में लंबित प्रकरण को गंभीरता से लिया तत्काल कोटा तहसीलदार को पत्राचार किया। जिसमें तहसीलदार पाली ने उल्लेख किया था कि बनर्दे पटवारी का सेवा अभिलेख एवं उनके व्यक्तिगत नस्ती का अवलोकन एवं परीक्षण किया गया । उनकी सेवा पुस्तिका में अनुविभागीय अधिकारी कोटा ,विभागीय जांच प्रकरण क्रमांक 13 / बी 121/ 94- 95 में दंड स्वरूप एक वेतन वृद्धि का असंचयी प्रभाव से रोकी गई है ।जो तहसीलदार कोटा द्वारा सेवा पुस्तिका में हस्ताक्षरित है । परंतु असंचयी प्रभाव का क्रमांक/ दिनांक उल्लेखित नहीं है । न ही उनके व्यक्तिगत नस्ती में कोई दस्तावेज/ आदेश नहीं है । उपरोक्त आपत्ती के संबंध में तहसीलदार पाली ने तहसीलदार कोटा को यदि कोई आदेश पत्र आदि हो तो सूचना भेजने का अनुरोध किया था। ताकि बनर्दे पटवारी के पेंशन का शीघ्र निराकरण किए जाने प्रकरण कोष लेखा पेंशन बिलासपुर को भेजा जा सके। जवाब प्रस्तुत नहीं होने पर पुनः 10 जनवरी 2022 के माध्यम से रजिस्टर्ड पत्र प्रेषित किया गया।

कार्रवाई में संचयी प्रभाव ,सेवा पुस्तिका में असंचयी दर्ज हो गया ,इस वजह से अंतिम निराकरण अटका

तहसीलदार कोटा से दिनांक 21 फरवरी 2022 को जवाब प्राप्त हुआ। जिसके अनुसार राजस्व मामले की पंजी प्रकरण क्रमांक 13/ बी 121 /94 -95 कोटा दिनांक 31 अक्टूबर 1994 के अनुसार एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने का आदेश पारित किया गया है । जबकि पटवारी मंगतूराम की सेवा पुस्तिका में असंचयी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने का उल्लेख दर्ज है । इस वजह से पेंशन प्रकरण स्वीकृत नहीं हो पा रहा है।

90 फीसदी राशि स्वीकृत कर दी,खाते में डल गए 4 लाख 24 हजार रुपए

संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन बिलासपुर संभाग बिलासपुर से पेंशन प्रकरण में आपत्ति लगाए जाने एवं पटवारी मंगतूराम बनर्दे की 6 मई 2022 को मृत्यु हो गई। फलस्वरूप तहसीलदार पाली ममता रात्रे ने तत्काल पूरी संजीदगी के साथ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 74 में दिए गए प्रावधान अनुसार दिवंगत पटवारी मंगतूराम बनर्दे के प्रकरण में शैक्षिक सेवानिवृत्ति दिनांक 2 फरवरी 2020 से अनुमानित 90% अप्रत्याशित पेंशन, प्रतिमाह एवं 90% उपादान राशि के आहरण एवं भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी । उप कोषालय अधिकारी कटघोरा को 4 लाख 24 हजार रुपए के भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी। 

90 फीसदी भुगतान कर दिया है: ममता रात्रे, तहसीलदार पाली

जैसे ही मेरे संज्ञान में दिवंगत पटवारी श्री बनर्दे के लंबित पेंशन प्रकरण की जानकारी आई ,हमने तमाम पत्राचार कर प्रकरण के निराकरण का प्रयास किया। कार्रवाई पंजी एवं सेवा पुस्तिका में भिन्न कार्रवाई इंद्राज होने की वजह से पेंशन प्रकरण अनिराकृत है। पटवारी की दुर्भाग्यवश मृत्यु उपरांत पूरी संवेदनशीलता बरतते हुए हमने त्वरित पेंशन /उपादान के 90 फीसदी राशि का भुगतान करने स्वीकृति प्रदान कर दी।