कोरबा: भ्रष्टाचार में लिप्त है सहायक आयुक्त माया वॉरियर… बिना टेंडर करोड़ों रूपए खा गई आयुक्त..
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में बिना टेंडर के करोड़ों रूपए का बंदरबांट, सफेद पोशो की भूमिका संदिग्ध..
आदिवासी बच्चों के एजुकेशन हब को बनाया भ्रष्टाचार का जरिया
जिले में करोड़ों रुपए की लागत के शासकीय भवनों के निर्माण के बाद मरम्मत में बड़ा घोटाला हुआ है
कोरबा: आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त के इशारे पर डीएमएफ से जारी राशि के निर्माण में जमकर गड़बड़ी है ऐसे निर्माण कार्य सामने आए हैं जिसे बिना निविदा जारी किए सीधे तौर पर आवंटित कर दिया गया, जिनका कार्य अब तक जारी है। छात्रावास में मरम्मत और रिपेयरिंग को बिना तकनीकी स्वीकृति के जारी किया गया है। यही नहीं कार्य के लिए किसी प्रकार की निविदा जारी नहीं की गई। भष्ट्राचार की पराकाष्ठा बन कर रह गई डीएमएप मद से नोडल अधिकारी ने राशि के दुरूपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ! लोगों के लिए बने जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) व आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने एजुकेशन हब योजना को ही इन्होंने अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया। छात्रावास में मरम्मत और रिपेयरिंग को बिना तकनीकी स्वीकृति के जारी किया गया है। यही नहीं कार्य के लिए किसी प्रकार की निविदा जारी नहीं की गई। पूरे कोरबा जिले में कटघोरा के एकमात्र ठेकेदार को मरम्मत व अन्य कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपयों का बंदरबांट करने में लगे हुए है ..विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है….हॉस्टलो में बड़ा घोटाला देखने को मिल रहा है जहा करोड़ो रुपए का भ्रष्टाचार मरम्मत के नाम पर खुलेआम हो रहा है… जहां पीडब्ल्यूडी का एसओआर, वहा रेट में वृद्धि होने की वजह से RES का SOR चल रहा है !!
बता दे की जिले भर के हॉस्टलों में 3 वर्षो में लगभग 4 बार मरम्मत के लिए राशि निकाली गई है, अलग अलग मद से राशि का आहरण किया गया है…मामले में खनिज न्यास की भूमिका संदिग्ध है..माया वॉरियर ने अवैध तरीके से करोड़ो की संपत्ति अर्जित की है, जो की जांच का विषय है.. जल्द ही ईओडब्ल्यू के साथ साथ भेट मुलाकात कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल से मामले की शिकायत कर कड़ी कार्यवाही की मांग की जायेगी !