70 वर्ष के डॉ रमन छत्तीसगढ़ बीजेपी में नही फूंक पा रहे जान… छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध बीजेपी संगठन के विरोध प्रदर्शन में मात्र 9197 कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारी….??

70 साल के डॉक्टर रमन छत्तीसगढ़ बीजेपी में नही फूंक पा रहे जान

 

 

छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध बीजेपी संगठन के विरोध प्रदर्शन में प्रदेश में मात्र 9197 कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारी

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के 9 सांसद एवं 14 विधायक फिर भी विरोध प्रदर्शन रहा कमजोर

15 साल सत्ता में रहने के बाद अब 3 साल के विपक्ष में भी बीजेपी नेताओं का नही गया अहम-जमीनी कार्यकताओं की उपेक्षा के कारण लगातार चुनावो में बीजेपी कर रही हार का सामना

रायपुर : छत्तीसगढ़ बीजेपी संगठन प्रभारी पुरेंदश्वरी देवी के लगातार दौरे के बाद भी बीजेपी संगठन के कार्यों में वो दम खम छत्तीसगढ़ में फिलहाल दिखाई नही दे रहा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के विरुद्ध प्रदेश व्यापी जेल भरो आंदोलन में पूरे प्रदेश में मात्र 9197 कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी,मतलब की यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ रश्म अदायगी तक सीमित रह गया। 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं उनके मंत्रिमंडल के अधिकतर मंत्रियों ने सिर्फ ठेकेदारों एवँ अधिकारियों तक अपने आपको सीमित रखा जब सरकार में थे तो आम आदमियों से मिलना अपनी तौहीन समझते थे। आज जब बीजेपी छत्तीसगढ़ में स्पष्ट रूप से विपक्ष की भूमिका निभाने में भी नाकामयाब नजर आ रही है। कारण अब 70 साल के सीनियर सिटीजन हो चुके डॉ रमन सिंह को पार्टी से रिटायरमेंट लेने का वक्त आ गया है। क्योंकि उनकी टीम में अभी भी अधिकतर रिटायरमेंट के उम्र के 65 से 70 वर्ष के नेताओं के हांथ बीजेपी संगठन की कमान है जबकि वास्तव में अब उन नेताओं की सलाह उनके खुद के घरों में भी नही चलती है। 15 साल छत्तीसगढ़ बीजेपी ने सत्ता में रहते सत्ता दिलाने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं एवँ अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं का भरपूर शोषण एवँ अपमान किया गया नतीजा कार्यकर्ताओं ने ही बीजेपी के नैया को किनारे लगा दिया था।

अब ले दे के छत्तीसगढ़ में बीजेपी अपना अस्तित्व बचाने सँघर्ष कर रही है। कहीं ऐसा न हो कि पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी एवँ कांग्रेश को झटका दे के आप झाड़ू लगा दे । क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी को अनेक मौके एवँ मुद्दे वर्तमान राज्य सरकार को घेरने को मिला लेकिन 15 साल तक सत्ता की मलाई खा चुके नेता सत्ता-सरकार के खिलाफ कोई भी आंदोलन में खुलकर सामने आने को तैयार नही है। यही हाल मोदी जी के नाम के भरोसे छत्तीसगढ़ में चुनाव जीते सांसदों का है। उनका ऐसा लगता है कि यह चुनाव उन्होंने खुद की लोकप्रियता से जीता है। जब मोदी जैसे दमदार प्रधानमंत्री के रहते वो साँसद अपने क्षेत्रों में इतने असहाय है तो भला कब वो अपने क्षेत्रों में दमदारी से कार्य-क्षमता दिखा पाएंगे।

फिलहाल कल के बीजेपी के प्रदेश व्यापी आंदोलन के औसत प्रदर्शन से एक बात तो साफ हो गई है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी के वर्तमान प्रदेश नेतृत्व एवँ संगठन के दम पर भूपेश बघेल की सरकार को दूसरी पारी खेलने से रोक पाने में सक्षम नजर नही आ रही है। छत्तीसगढ़ में अगर बीजेपी को वापसी करना है तो ऐसी कमरों में बैठकर रणनीति बनाने वाले नेताओं की नही बल्कि आम जनता के लिए जमीन पर उतर के संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं की जरूरत है। तभी छत्तीसगढ़ में बीजेपी अपनी वापसी कर पायेगी अन्यथा पंजाब के जैसे हालात के लिए तैयार रहना पड़ेगा।