कोरबा:अवैध कारोबारी स्थानीय प्रशासन के सर पर कर रहे तांडव,,,,क्या इन्हें पता नही है.. जिले में तेजतर्रार डीएम व सक्षम एसपी की मौजूदगी है…

कोरबा:अवैध कारोबारी स्थानीय प्रसाशन के सिर पर कर रहे तांडव,,,,क्या इन्हें पता नही है.. जिले में तेजतर्रार डीएम व सक्षम एसपी की मौजूदगी है…

 

 

कोरबा:-जिला कोरबा का स्थानीय प्रशासनिक अमला अवैध कारोबारियों की उढरी बनकर रह गया है।जिले के अधिकांश इलाको में सरेआम अवैध कार्य पूरे शबाब पर जारी है लेकिन मजाल है प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी इन अवैध कारोबारियों के गिरेबान पर हाथ डाल दे..जिले की तेजतर्रार डीएम रानू साहू व जिले में सक्षम एसपी भोजराम पटेल की मौजूदगी में आखिर अवैध कारोबार पूरे चरम पर कैसे जारी है यह तो समझ से परे है,पर अनुमान लगाए जा रहे हैं की निचले स्तर के अधिकारियों की सेटिंग तगड़ी है जो जिले के जिम्मेदार अधिकारियों तक इनकी करतूतों का जखीरा नही पहुच पा रहा है।बता दे कि डीएम रानू साहू के नाम मात्र से जहां अवैध कारोबारियों के चूले हिल जाया करते हैं वहाँ जिला कोरबा में डीएम साहू के मौजूद रहते अवैध कारोबारियों के माथे पर सिकन तक नही,ये समझ से परे है। प्रशासन के सिर पर अवैध कारोबारी तांडव कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन उन कारोबारियों की गोद मे बैठकर दाढ़ी मुड़वा रहा है।

सैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का जुमले को जिला कोरबा के अंतर्गत कटघोरा के स्थानीय प्रशासन ने चरितार्थ कर दिखाया है मानो अवैध कार्यों में लिप्त कारोबारियों को प्रशासन का पूरा समर्थन है तभी इलाके के कई हिस्सों में अवैध कारोबार जमकर पाव पसार रहा है फिर चाहे वो अवैध कोयला,रेत,मादक पदार्थ की बिक्री हो या फिर खुलेआम अवैध डीजल पेट्रोल का कारोबार क्यो ना हो,प्रशासन इन पर लगाम नही लगा सकता क्योंकि इनसे स्थानीय प्रशासन को बड़े पैमाने पर लाभ अर्जित होता है ऐसा हम नही कह रहे ये तो आमजनता के मुंह से चरितार्थ है।अगर देखा जाए तो जनता का कहना भी गलत नही है अब भला प्रशासन ही गैर कार्यो को बढ़ावा देगा तो आमजनता का प्रशासन पर कैसे विश्वास रहेगा।

कटघोरा से कोरबा मुख्यमार्ग पर ऐसे कई अवैध कार्य नजर आ जाएंगे जहां खुलेआम अवैध कारोबारी अपने धंधे को बेधड़क संचालित किये हुए है लेकिन प्रशासन को शायद ये नजर नही आते या प्रशासन इन पर कार्यवाही नही करना चाहता है?यह तो समझ से परे है, खैर वजह चाहे जो भी हो बहरहाल प्रशासन के रवैये से आज हर कोई वाकिफ है,शायद अब प्रशासनिक अधिकारियों में वो बात नहीं रही जो ये अपना दायित्व संभालने से पहले बड़ी बड़ी कसमे और बड़े गर्व से शपथ लेकर पूरी ईमानदारी से अपनी सेवा देंगे कहते हैं,आज अवैध कारोबारियों के काली कमाई के आगे अधिकारियों की शपथ बेगानी हो गई है।जो आज अवैध कारोबार जिले के अधिकांश इलाको में खुलेआम जारी है।

अब ऐसे में उस जनता का क्या जो देश के कानून पर भरोषा कर न्याय की आस लगाए रखती है अधिकारियों के समक्ष बड़े विश्वास के साथ न्याय पाने अपनी आपबीती बया करते हैं खैर अब उस दौर के अधिकारी नही रहे जो उन्हें जनता की पीड़ा से उन्हें हमदर्दी हुआ करती थी अब तो केवल परामर्श मिलता है।अब तो जनता भी कुछ हद तक प्रशासनिक कार्यवाहियों को समझ चुकी है कि कानून से डरने की जरूरत नही,फिर चाहे अपराध जुर्म छोटा हो या बड़ा कीमत सही होनी चाहिए।