भ्रष्टाचार का गढ़ पोड़ी उपरोड़ा: 25 पंचायतों की ऑडिट टीप गायब ,शासन को पहुंचाई गई करोड़ों की राजस्व क्षति !

पोंडी ब्लॉक के 25 पंचायतों की ऑडिट टीप गायब ,शासन को पहुंचाई गई करोड़ों की राजस्व क्षति!

 

 

कोरबा: जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा के 37 ग्राम पंचायतों ने 2019 -20 के प्राप्त आबंटन में शासकीय राशि का बंदरबाट कर शासन को करोड़ों रुपए क्षति पहुंचाई है। इन ग्राम पंचायतों के वार्षिक अंकेक्षण (आडिट टीप) की प्रति जिला कार्यालय से लेकर पंचायतों तक गायब हैं। प्रकरण में पंचायत विभाग के ऑडिटरों व पंचायत सचिवों की मिलीभगत से यह पूरा खेल खेला गया। बहरहाल दो नोटिस के बाद भी पंचायत सचिवों द्वारा ऑडिट टीप की प्रति उपलब्ध नहीं कराए जाने पर प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई हेतु संचालक पंचायत सहित उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई है।

यहां बताना होगा कि ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास के लिए केंद्र शासन विभिन्न मदों से जनसंख्या के अनुपात में फंड (राशि)प्रदान की जाती है। इनमें मनरेगा से लेकर 14 वें ,15वें वित्त मद ,प्रमुख रूप से शामिल हैं। पंचायतों में विभिन्न मदों से कराए गए कार्यों का कार्यालय उप संचालक पंचायत के अंकेक्षक ऑडिट करते हैं। वर्तमान समयावधि में कार्यों की अधिकता की वजह से कुछ पंचायतों की ऑनलाईन ऑडिट भी की जाती है। जिसमें ऑडिटरों द्वारा जांच के दौरान व्यय पक्षों (खर्च का ब्यौरा)संतुष्टिजनक ,नियमानुसार नहीं पाए जाने पर आक्षेप की जाती है। इस व्यय आक्षेप में दर्शाई गई राशि का पंचायतों को निर्धारित समयावधि के भीतर समायोजन करना रहता है।

लेकिन भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके कोरबा के पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक में 2019 -20 के आडिट टीप व्यय आक्षेप का समायोजन नहीं किया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इन ग्राम पंचायतों में से 37 ग्राम पंचायतों का ऑडिट टीप ही गायब है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद इसका खुलासा हुआ। उप संचालक पंचायत ने संबंधित पंचायत सचिवों को नोटिस के बाद भी जवाब नहीं दिए जाने पर एक मर्तबा पुनः स्मरण पत्र भी जारी किया है। बावजूद इसके पंचायत सचिवों ने ऑडिट टीप की प्रति उपलब्ध नहीं कराई। इन पंचायतों में करोड़ों रुपए की शासकीय राशि का बंदरबाट कर शासन को क्षति पहुंचाई गई है।बहरहाल संबंधित पंचायतों के विरुद्ध शासन स्तर से ही आवश्यक कार्रवाई की उम्मीदें हैं।

तो क्या ऑडिटरों की भूमिका है सन्दिग्ध

ऑडिट टीप की एक प्रति कार्यालय उप संचालक पंचायत एवं एक प्रति पंचायतों के पास रहती है । लेकिन पोंडी उपरोड़ा के 37 ग्राम पंचायतों की ऑडिट टीप दोनों जगह नहीं होने की बात कही जा रही। तो क्या इन ग्राम पंचायतों का आज पर्यंत ऑडिट नहीं हुआ यदि हुआ है तो ऑडिट टीप कहाँ छुपा दी गई। निश्चित तौर पर पूरे प्रकरण में पंचायत सचिवों के साथ साथ ऑडिटरों की भूमिका संदेह के दायरे में है।

इन ग्राम पंचायतों की ऑडिट टीप गायब

पोंडी उपरोड़ा ब्लाक के 25 ग्राम पंचायतों की ऑडिट टीप गायब है। इनमें मातिन ,लेपरा,पसान ,नगोईबछेरा ,मेराई ,मल्दा,पचरा ,पोंडी खुर्द ,पोंडी उपरोड़ा ,ख़िरटी ,खोडरी तुमान ,खोडरी पसान ,कुम्हारीसानी,सरभोंका,लैंगी,लैंगा ,सैला,रामपुर लैंगा ,सेन्हा ,सेंदूरगढ़ एवं रोदो शामिल हैं।

इन ग्राम पंचायतों के व्यय आक्षेप का नहीं हो हुआ समायोजन ,शिकायत के बाद भी कार्रवाई शून्य

पोंडी उपरोड़ा ब्लाक के 35 ग्राम पंचायतों में तकरीबन एक करोड़ रुपए का नियम विरुद्ध आहरण कर शासकीय राशि का बंदरबाट कर शासन को राजस्व क्षति पहुंचाई गई है। ग्राम विकास के कार्य हुए ही नहीं। इन पंचायतों के व्यय आक्षेप का समायोजन,आज पर्यंत निराकरण नहीं किए जाने पर सीईओ जिला पंचायत को विशेष टीम गठित कर जांच के लिए पत्र लिखा गया था। सीईओ जिला पंचायत ने कार्यालय उपसंचालक पंचायत को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। लेकिन एक माह बाद भी पोंडी ब्लॉक की जांच व कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही। व्यस्तताओं का हवाला दिया जा रहा। जिससे कार्यशैली पर भी प्रह्नचिन्ह उठ रहे। इन ग्राम पंचायतों में सिमगा ,सिंधिया,सलिहाभांठा,पुटुवां ,रावा

,रिंगनिया,साखो,पुटीपखना,पाथा

,पतुरियाडांड,पिपरिया,पोंडीकला

,पाली ,मदनपुर,कुम्हारीदर्री

,लमना,मड़ई ,नवापारा,मिसिया

,मानिकपुर,कर्री,केंदई,केशलपुर,कटोरीनगोई,रामपुर (तानाखार),तनेरा,सिर्री

,सारिसमार,सासीन,सेमरा,कारीमाटी

,कोरबी( सिंधिया ),लाद

,कोडगार एवं कुल्हरिया शामिल है।