सरकार दाल में कुछ तो काला है…. न जाने और कितने नटवरलाल है; लिंगियाडीह खसरा नम्बर 15/48 सरकारी भूमि का है मामला..

सरकार दाल में कुछ तो काला है…. न जाने और कितने नटवरलाल है…..

 

 

लिंगियाडीह खसरा नम्बर 15/48 सरकारी भूमि का है मामला।

(राकेश परिहार)

लिंगियाडीह में सरकारी जमीन का खेल रुकने का नाम ही नही ले रहा है लिंगियाडीह का खसरा नम्बर 15/48 सरकारी भूमि की 42 डिसमिल जमीन गुम हो गई है, लगता है इसे कोई उठा कर ले गया है या इसे दबा दिया गया है ,करोड़ो की सरकारी जमीन आखिर गई कहा ये जांच में ही पता चलेगा आखिर किसने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है? 

राजस्व विभाग न हुआ भानुमति का पिटारा हो गया जितनी बार पिटारा खुलेगा उतना रहस्य खुलेगा । 

ऐसा ही खसरा नम्बर 15/48 राजस्व विभाग के पिटारा से जब निकाला तो खेला होगया ऐसा प्रतीत होने लगा।

खसरा नम्बर 15/48 जिसका कुल रकबा 4.70 एकड़ भूमि मिशल में घास जमीन अर्थात शासकीय भूमि दर्ज है । 

उक्त 4.70 एकड़ भूमि में से 3.70 एकड़ भूमि एस ई सी एल को आंबटित किया गया, 0.13 एकड़ भूमि बिलासपुर सीपत रोड और 0.45 एकड़ भूमि बहतराई जाने वाली रोड को आबंटित किया । 

शेष बचत भूमि 0.42 एकड़ भूमि का पता नही । 

लिंगियाडीह,मोपका,चिल्हाटी में सरकारी जमीन को भूमाफियाओं द्वारा बेचने का खेल रुकने का नाम ही नही ले रहा है लिंगियाडीह का खसरा नम्बर 15/48 सरकारी भूमि की 42 डिसमिल जमीन गुम हो गई है, लगता है इसे कोई उठा कर ले गया है या इसे दबा दिया गया है, करोड़ो की सरकारी जमीन आखिर गई कहा ये जांच में ही पता चलेगा आखिर किसने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है या किसने कब्जा कराया….?

महत्वपूर्ण सवाल :- क्या शासकीय जमीनों के खसरे का बटांकन होता है या शिर्फ़ नाम परिवर्तित होता है …..?

पिक्चर अभी बाकी है 

शेष अगले भाग में….