पटवारी भानु प्रताप साय की बढ़ती मनमानी के पीछे अधिकारियों की उदासीनता या मौन सहमति ????
पटवारी भानु प्रताप साय की बढ़ती मनमानी के पीछे अधिकारियों की उदासीनता या मौन सहमति ????
जीपीएम: जिला का पेंड्रा रोड तहसील शायद पूरे देश मे एकलौता ऐसा तहसील होगा जँहा उच्चाधिकारियों से ज्यादा राजस्व विभाग के एक पटवारी की चलती है उस पटवारी का नाम है भानु प्रताप साय आपको बता दें कि पटवारी भानु साय की शिकायतें लगातार अधिकारियों को देने के बाद भी आज तक भानु साय के ऊपर न ही कोई जाँच हो सका न ही कार्यवाही जबकि भानु साय गौरेला में ही रहते हुए जमकर अपने पद का दुरुप्रयोग करते जा रहे है लेकिन गौरेला में ही तहसील कार्यालय से लेकर एसडीएम कार्यालय के साथ साथ कलेक्टर कार्यालय भी मौजूद है जहाँ जिले के सभी उच्चाधिकारियों की नजरों के सामने भानु साय द्वारा अपनी मनमानी करते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।
इसके बाद भी किसी बड़े अधिकारी की नजर भानु साय पर न पड़े ऐसा संभव ही नही हो सकता इसके बावजूद भानु साय पर कोई कार्यवाही न होना आम जनता के मन मे शासन प्रशासन के प्रति निश्चित ही संदेह पैदा करता है क्योंकि एक पटवारी जिसके खिलाफ लगातार शिकायतें हो रहीं है उसके बाद भी उस पटवारी के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कोई जाँच न करना ये दर्शाता है कि कहीं न कहीं भानु साय के भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत करने में उच्चाधिकारियों की उदासीनता या मौन सहमति है अब देखना ये होगा कि क्या अधिकारियों द्वारा भानु साय पर कोई कार्यवाही हो पाएगा???
या फिर उनकी मनमानी का सिलसिला और अधिक लम्बे समय तक गौरेला तहसील में चलता रहेगा।