मनरेगा घोटाले के दोषियों को आखिर क्यों संरक्षण दे रहे वन विभाग के अधिकारी ? कही घोटाले में हिस्सेदारी तो नही ?

मनरेगा घोटाले के दोषियों को आखिर क्यों संरक्षण दे रहे वन विभाग के अधिकारी ?

 

 

संरकक्षणकर्ता अधिकारियों पर दर्ज हो एफआईआर..

कही घोटाले में हिस्सेदारी तो नही?

मुख्य वन संरक्षक ने एसडीओ, रेंजर के बहाली के पहले ही बहाली आखिर इतनी जल्दी क्यो?

गौरेला: मण्डल मरवाही के गौरेला वन परिक्षेत्र अंतर्गत हुए करोड़ो रुपयों के मनरेगा घोटाले में दोषी पाए जाने वाले वन कर्मियों को वन विभाग के द्वारा निलंबित तो कर दिया गया लेकिन आज तक दोषी कर्मचारियों एवं संबंधित फर्म के संचालक पर विभाग के द्वारा एफआईआर दर्ज नही कराया गया इससे साफ दिखाई देता है कि वन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बाद भी निलंबन से ज्यादा और कुछ नही होने वाला है शायद यही कारण था जिससे इन सभी दोषी कर्मचारियों के द्वारा करोडो रुपए का मनरेगा घोटाला बिना किसी खौफ के कर दिया गया क्योंकि इन दोषी कर्मियों को शायद पहले ही पता था कि अगर उनके द्वारा किए गए घोटाले का खुलासा होता भी हैै।

तो उनको ज्यादा से ज्यादा कुछ महीनों के लिए निलंबित मात्र होना पड़ेगा और हुआ भी बिल्कुल वैसे ही इन घोटालेबाज कर्मचारियों के घोटालो के सिद्ध होने के बाद भी विभाग के द्वारा सिर्फ दोषियों को निलंबित मात्र कर के खूब वाहवाही लूटा जा रहा है लेकिन असल कार्यवाही तो तब पूरी होती जब इन दोषियों के खिलाफ विभाग के द्वारा एफआईआर दर्ज करवाते हुए दोषियों से क्षति हुई शासकीय राशि की वसूली किया जाता लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों का मन शायद कुछ और ही है शायद यही कारण है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी अब तक दोषियों पर एफआईआर दर्ज नही हो सका और भ्रष्ट कर्मचारी खुलेआम प्रशासन को ठेंगा दिखाते घूम रहे है।