कोरबा: स्कूली बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़,हादसे के बाद जागता है विभाग..

कोरबा: स्कूली बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़,हादसे के बाद जागता है विभाग..

डीपीएस और केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को ले जाने कटघोरा से प्राइवेट बोलेरो एवं जीप का अभी भी किया जाता है उपयोग…

कोरबा: स्कूली बच्चों के परिवहन में लगे अनेक वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है। समय-समय पर एवं नियमित रूप से की जाने वाली जांच भले ही कागजों में नजर आती हो लेकिन हकीकत में यह तब दिखता है जब कोई घटना घट जाती है। पूर्व की घटनाओं को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारी और मैदानी कर्मचारी भी सबक नहीं लेते बल्कि हादसे के होने का इंतजार करते हैं। ऐसे में वे स्कूल प्रबंधन अपने आपको ठगा महसूस करते हैं जो नियमों के मामले में अप टू डेट रहते हैं लेकिन नियमों का हवाला देकर उन्हें भी चमकाने से अमला बाज नहीं आता, और जो अनदेखी कर रहे हैं उनकी दुकानदारी चलती रहती है।

कोरबा जिले के ग्राम गोढ़ी में संचालित जैन पब्लिक स्कूल की एक छोटी बस में शुक्रवार को कटघोरा-छुरी मुख्य मार्ग में आग लगने की घटना हुई। सौभाग्यवश इस घटना में कोई भी बच्चा अथवा चालक-परिचालक हताहत नहीं हुए लेकिन घटना छोटी नहीं थी। इस घटना के बाद परिवहन विभाग और उसके उड़नदस्ता की टीम को जैन पब्लिक स्कूल के वाहनों की जांच का ख्याल आया उड़नदस्ता की टीम ने शनिवार को ग्राम गोढ़ी पहुंचकर जैन पब्लिक स्कूलों के बसों की पड़ताल की। बसें बिना परमिट के चलना पाया गया। फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं मिला। स्कूल बस के रूप में संचालित होने के लिए बसों में जरूरी सुरक्षा संसाधन और सामग्रियों की कमी पाई गई। उड़नदस्ता की टीम ने विभिन्न खामियों पर कार्यवाही करते हुए 66 हजार रुपए समझौता शुल्क वसूल किया है।

बता दे की डीपीएस और केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को कटघोरा लेकर जाने एवम् लाने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्राइवेट बोलेरो एवं जीप का अभी भी उपयोग किया जाता है।

गौरतलब है कि स्कूली बच्चों के परिवहन में बसों के अलावा टाटा मैजिक, मिनी बस और ऑटो भी लगे हुए हैं। इन वाहनों में भी सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी हो रही है। जिला मुख्यालय में ये हाल है तो आउटर और उपनगर में देखने की तो इन्हें और भी फुर्सत नहीं। और भी बड़े-बड़े स्कूलों के लिए संचालित हो रही बसों में भी अनेक खामियां मिल जाएंगे। इनमें तो फिटनेस का भी उल्लंघन साफ तौर पर देखने को मिलेगा। तरभा ट्रेवल्स की भी बस को लेकर पूर्व में शिकायत हो चुकी है।

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहे भोजराम पटेल फिर संतोष कुमार सिंह के द्वारा ऑटो चालकों को हिदायतें दी गई कि वे स्कूली बच्चों के परिवहन में लापरवाही ना बरतें। सभी ऐसे ऑटो और वाहनों में जाली नियमित रूप से लगाने निर्देशित किया गया है। इसके अलावा सामने की सीट पर बच्चों को बिठाकर परिवहन नहीं करने की भी हिदायत दी गई है लेकिन इसका कहीं भी कोई भी असर पूर्ण रूप से देखने को नहीं मिल रहा है, क्योंकि ऐसे लापरवाह वाहनों पर कार्रवाई करने में परिवहन विभाग हो या उसका उड़नदस्ता दल हो या फिर पुलिस की टीम हो, कोई कार्रवाई करते नजर नहीं आते।

थाना-चौकियों के सामने से सवारी ऑटो हो या स्कूली बच्चों के परिवहन में लगी आटो, सामने भर-भर कर परिवहन हो रहा है। सामने की सीट पर चालक सहित कभी तीन तो कभी 5-5 सवारियां बैठी नजर आती हैं। आंखों से देखकर की जाने वाली अनदेखी लोग समझ नहीं पा रहे हैं और दूसरी और अमला जागरूकता का ढिंढोरा पीटने से बाज नहीं आ रहा।

0 संघ का निर्देश और अपील हवा हवाई

जिला ऑटो संघ के द्वारा भी एक निर्देश जारी कर समस्त ऑटो चालकों से अपील की गई है कि वे अपने वाहनों में ओवरलोड याने की क्षमता से ज्यादा सवारी न बिठायें, नियमों का पालन करें और इसके बाद यदि उल्लंघन पर कार्रवाई होती है तो उसके लिए स्वयं ऑटो चालक जिम्मेदार होगा लेकिन ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा जिससे लगे कि संघ के निर्देश का पालन हो रहा है या फिर यातायात विभाग की सख्ती ऐसे लोगों पर दिख रही हो। परिवहन विभाग जिसका काम है।

कि वह यातायात नियमों का पालन कराए, वाहनों के फिटनेस आदि की समय-समय पर जांच करें लेकिन परिवहन विभाग के जिला अधिकारी शशिकांत कुर्रे ना तो दफ्तर में मिलते हैं और नहीं फोन उठाते हैं जिससे कि यह पता चल सके कि उन्होंने ऐसे लापरवाह लोगों पर किस तरह कार्रवाई करने की योजना बनाई है और क्या कार्रवाई कर रहे हैं।

बाबूओं के भरोसे आरटीओ दफ्तर संचालित हो रहा है। अधिकारी को बात करने तक की फुर्सत नहीं है।