नेचर कैंप घोटाला मुख्य सरगना संजय त्रिपाठी, समेत 10 लोगो पर होगी कार्यवाही..बैंक मैनेजर भी लिप्त
नेचर कैंप घोटाले में समिति अध्यक्ष समेत 10 लोगो पर कार्यवाही की अनुशंसा , HDFC ब्रांच मैनेजर की भी संलिप्तता ,
गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – मरवाही वनमंडल के बहुचर्चित समिति घोटाले के मामले में त्रिस्तरीय जांच समिति ने बड़ा खुलासा किया है . जहाँ फर्जी समिति बनाकर करोड़ो की राशि की हेराफेरी की गई है
क्या है मामला : –
मामला मरवाही परिक्षेत्र में रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प समिति जामवंत माडा गगनई का है जहाँ एक ही व्यक्ति को दो दो समितियों अध्यक्ष बनाकर सुनियोजित तरीके से शासकीय राशि का बंदरबांट किया है उक्त गंभीर मामले की शिकायत पर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर द्वारा त्रिस्तरीय जाँच समिति का गठन किया गया था जिस जांच में यह सिद्ध पाया कि तत्कालीन रेंजर एवं प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी , वर्तमान रेंजर दरोगा सिंह मरावी , वन रक्षक सुनील चौधरी समिति अध्यक्ष मूलचंद कोटे समेत HDFC के शाखा प्रबंधक की द्वारा षणयंत्र पूर्वक घोटाले को अंजाम दिया गया है
जांच समिति का अंतिम निष्कर्ष
यह कि मामले में कि शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई शिकायत सही पाई गई जहाँ उप समिति रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई का गठन नियमानुसार नहीं किया गया है . उक्त दोनों समिति में केवल एक ही अध्यक्ष एवं सचिव है एवं कोई अन्य सदस्य नहीं है अतः ऐसे अवैधानिक समिति के खाते में शासकीय राशि जमा कर आहरण एवं व्यय करने के दौरान तत्कालीन रेंजर एवं प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी , वर्तमान रेंजर दरोगा सिंह मरावी , सचिव सुनील चौधरी अध्यक्ष मुलचंद कोटे के साथ शाखा प्रबंधक एचडीएफसी बैंक, मरवाही की संलिप्तता पाई गई है .जिसमे शासकीय राशि का नियमानुसार व्यय नहीं किया गया और न ही वन वित्तीय नियमों का पालन किया गया . इस परिस्थिति में समस्त संबंधित अधिकारी कर्मचारियों एवं अध्यक्ष के विरूद्ध सक्षमता के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की बात कही गई .
मामले में प्रथम दृष्टया दोषी सचिव सुनील चौधरी को निलंबित कर दिया गया है वही अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए शासन को लिखा गया है संभवतः ऐसा माना जा रहा है कि इतने बड़े घोटाले में दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर जल्द ही कार्यवाही होगी वही शासन को भी ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों पर तत्काल कार्यवाही कर एक मिशाल पेश करनी चाहिए जिससे ऐसे भृष्ट अधिकारियों के हौसले बुलंद न हो .
विधानसभा सत्र में गूंजेगा मुद्दा
चुनावी वर्ष के साथ साथ यह सरकार का आखरी विधानसभा सत्र है उक्त घोटाले की गूंज विधानसभा सत्र में भी सुनाई देगी इसके पहले भी मरवाही वनमंडल में हुए मनरेगा घोटाले के मामले में भरे सदन से 15 अधिकारियों कर्मचारियो को निलंबित कर दिया गया था वही सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट कर दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर जल्द ही कार्यवाही कर देनी चाहिए ताकि यह चुनावी मुद्दा बनकर सरकार के गले की फांस न बन जाये .