राष्ट्रीय अधिवेशन: प्रियंका ने कहा आज देश के सामने, हमारे सामने एक बड़ी चुनौती..

राष्ट्रीय अधिवेशन: प्रियंका ने कहा कि आज देश के सामने, हमारे सामने एक बड़ी चुनौती..

रायपुर. छत्तीसगढ़ में चल रहे कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के तीसरे दिन राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एकजुटता का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हमें आपसी लड़ाई और गिले-शिकवे को भूलकर पार्टी के काम के लिए जुटना होगा.

महाधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि आज देश के सामने, हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. उस चुनौती को पहचानने और उसका सामना किस तरह करेंगे, यह तय करने के लिए हम इकट्ठे हुए हैं. प्रियंका ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब वे कश्मीर में थी, तब वहां महिलाओं ने कहा था कि तीन साल बाद उन्होंने घर से बाहर निकलने की हिम्मत की है. इससे पहले बाहर निकलने की हिम्मत नहीं थी. प्रियंका ने कहा कि यह हिम्मत दिलाना हम कांग्रेसियों का काम है.

उनकी आवाज को बुलंद करना हमारा काम है. जो नहीं समझ रहे हैं, उन्हें भी समझाना हमारा काम है. हमें अपने गिले शिकवे दूर करने होंगे. आज नौजवानों के पास रोजगार नहीं है. जहां जहां हम जाते हैं, वहां रोजगार नहीं है. नौजवान जो परीक्षा देते हैं, वह घोटालों में उलझे हुए हैं.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, न्याय योजना की तरह हमें किसानों के लिए एक योजना बनानी है. एक साथ हमें काम करना पड़ेगा. चाहे महिलाओं के विकास के लिए, चाहे यह समझाना कि देश का किसान आज मुश्किलों में घिरा हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने दोस्तों को जमीन दिला रहे हैं. हमें यह दिखाना होगा कि गिने-चुने उद्योगपति आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन किसानों की आमदनी घटती जा रही है. किसानों की कर्ज माफी नहीं होती, लेकिन उद्योगपतियों की कर्ज माफ कर दी जाती है.

हमसे उम्मीदें हैं. हम एकजुट हों. जितनी भी पार्टियां हैं, वे एकजुट हों, जिनकी विचारधारा उनसे अलग है. सबसे ज्यादा उम्मीद कांग्रेस पार्टी पर है. हम इस उम्मीद पर आपकी मेहनत, एकजुटता और समर्पण से खरे उतर सकते हैं. आप अपने-अपने क्षेत्र में जाएंगे तो हमें मिसाल बनना चाहिए कि राजनीति कैसी होनी चाहिए. जब जब चुनाव आता है तो ऐसे मुद्दे उठते हैं, जिससे जनता को कोई मतलब नहीं है. जब रोजगार की बात होती है,

महंगाई की बात होती है, युवाओं की बात होती है, तब हमारी राजनीति क्या होनी चाहिए. हमारी राजनीति सकारात्मक होनी चाहिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि हम इस लड़ाई में सफल होंगे.

हमारे तमाम नेताओं कार्यकर्ताओं पर इस सरकार ने दमन किया है. छत्तीसगढ़ में एजेंसियों द्वारा क्या-क्या नहीं किया गया, लेकिन हमारे नेता कार्यकर्ता खड़े रहे. हमें पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो आप डटे रहते हैं, लाठियां खाते हैं. देश को भी यही हिम्मत दिखानी है. एक मजबूत भविष्य के लिए हम सबको इकट्ठे लड़ना है.