शिवाजी नगर में बेशकीमती जमीन पर बेजा कब्जा, प्रशासनिक अफसर के चहते पार्षद को खुली छूट..
शिवाजी नगर में बेशकीमती जमीन पर बेजा कब्जा, प्रशासनिक अफसर के चहते पार्षद को खुली छूट
कोरबा। राजस्व विभाग की जमीन हो या फिर नगर निगम की इन दिनों धड़ल्ले से बेजा कब्जा किया जा रहा। हैरत की बात तो यह है कि बेशकीमती जमीनों को प्रशासनिक के सामन हड़प्पा जा रहा पर अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
निहारिका शहर का पॉश इलाका है, यहां नगर निगम केकई आवासी कॉलोनी विकसित किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से एक कोलनी शिवाजी नगर भी है। यहां अटल आवास के नजदीक खाली जमीन पर भू- माफियाओं की नजर गढ़ गई थी। कच्चा मकान या झोपड़ी बनाने की जगह सीधे कंक्रीट के पिलर खड़े कर लिए गए थे। करीब 3 साल पहले प्रशासन व नगर निगम ने संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए कब्जे पर बुलडोजर चला दिया था। एक बार फिर इस स्थल पर कब्जा किया जाने लगा है।
गंभीर बात तो यह है कि इस क्षेत्र के पार्षद ही इस कब्जे के खेल में शामिल हैं। चर्चित पार्षद ने अपने भाई के साथ मिलकर एक बार फिर यहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। दोनों भाइयों का इन दिनों कलेक्ट्रेट में शीर्षक अफसरों के साथ उठना बैठना है। माना जा रहा है कि अधिकारियों के बल पर ही फिर से तोड़े गए अवैध कब्जे पर निर्माण कार्य शुरू किया गया है। शिकायत मिलने पर नगर निगम के कुछ कर्मचारी बेजा कब्जा रोकने पहुंचे पर उन्हें वापस लौटा दिया गया। इसके बाद राजस्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची पर वह भी केवल देखकर वापस लौट गई। यह स्पष्ट संकेत है कि अधिकारियों के इशारे पर ही करोड़ों रुपए की जमीन को हड़पने का षड्यंत्र रचा गया है।
वर्तमान में विधानसभा सत्र चल रहा है, ऐसे में यह मामला सदन में उठने की संभावना बनी हुई है। यदि ऐसा हुआ तो सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। यहां बताना होगा कि पार्षद व उसके भाई के खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।