Marwahi: FDA समितियो में भी भ्रष्टाचार,नियम विरुद्ध राशि का आहरण कर लाखो का गबन…

FDA समितियो में भी भ्रष्टाचार,नियम विरुद्ध राशि का आहरण कर लाखो की राशि का गबन…

गौरेला पेंड्रा मरवाही -मामला मरवाही वनमण्डल का है जहां अभी एक समिति में फर्जीवाड़ा कर राशि गबन के आरोप में कार्यवाही पूरा भी नही हुआ है की एक और घोटाला खुलकर सामने आ रहा है, विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मरवाही वनमण्डल अंतर्गत गौरेला -पेंड्रा-मरवाही- एवं खोडरी रेंजो के अंतर्गत FDA समिति पिछले 20 वर्ष पूर्व से संचालित है.. इन समितियों का गठन वनों का वनीकरण हेतु गठन किया गया था।

इसके अध्यक्ष स्थानीय ग्रामवासी एवं सचिव संबंधित क्षेत्र के परिक्षेत्र सहायको को बनाया गया इन समितियों में विभाग द्वारा वनीकरण की राशि इनके खातों में जमा किया जाता था और कार्य अनुसार कार्य सत्यापन करने उपरांत DFO के आहरण अनुमति से राशि आहरण समिति अध्यक्ष एवं समिति सचिव द्वारा किया जाता था , सूत्रों की माने तो वर्ष 2010 से समितियों में राशि जमा होने लगभग बंद हो गया था इसके पूर्व में संचालित सभी समितियो में लाखों में राशि जमा था जिनका ब्याज 10 वर्षो का खाते में बैंक द्वारा जमा किया गया

उपरोक्त राशि को खर्च करने प्रोजेक्ट बना DFO को प्रस्तुत किया जाता है और स्वीकृत होने बाद राशि निकालने का प्रस्ताव समिति से पास कर डीएफओ को प्रस्ताव प्रस्तुत कर आहरण अनुमति लेकर राशि आहरण किया जाता है पर तात्कालिक पेंड्रा SDO रहते संजय त्रिपाठी ने प्रभारी DFO मरवाही का चार्ज भी नियम विरुद्ध एक सीनियर SDO के पी डिंडोरे के रहते हुए लिया था ।

बता दे की संजय त्रिपाठी द्वारा FDA अनुमति बिना अनुमोदन के लिपिक भूपेंद्र साहू से मिलीभगत कर वनमण्डल कार्यालय में बैठ समितियो में जमा राशि का राशि आहरण अनुमति बना अध्यक्ष एवं सचिव से नगद राशि आहरण करा कर करोडो रुपये का गबन कर लिया गया, प्राप्त सूचना अनुसार बिना प्राकलन बनाये और बीना कार्य स्वीकृति के ही संजय त्रिपाठी द्वारा सचिव(परिक्षेत्र सहायक) और अध्यक्ष तथा वनमण्डल पदस्थ लिपिक भूपेंद्र साहू द्वारा मिलीभगत कर विकास के शासकीय राशि का बंटरबाट कर लिया , वनमण्डल के सभी रेजो मे कुल करोड़ो की राशि का गबन फर्जी रूप से किया गया है।

इस संबंध में संजय त्रिपाठी प्रभारी DFO मरवाही का प्रभार देने के बाद प्रभार लिए IFS दिनेश पटेल ने तत्काल संजय त्रिपाठी द्वारा नियम विरुध्द दिए गए आहरण अनुमति पर रोक लगाने सभी बैंक को पत्र जारी कर राशि आहरण में रोक लगा दिया था तक संजय त्रिपाठी ने लाखो की राशि निकाल ली थी,पूरे मामले की जांच कर इस कार्य मे संलिप्त तात्कालीन डीएफओ समिति सचिव एवं लिपिक सभी के उपर जांच कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।