राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार देखिए…. एफआईआर के बदले नामांतरण..40 महीनो बाद भी दर्ज नहीं हुआ एफआईआर…सरकारी भूमि खरीदी बिक्री मामला..

राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार देखिए…. एफआईआर के बदले नामांतरण..40 महीनो बाद भी दर्ज नहीं हुआ एफआईआर…सरकारी भूमि खरीदी बिक्री मामला..

कोरबा: राजस्व विभाग में फैला भ्रष्टाचार लगातार विभाग को दीमक की तरह खोखला करता जा रहा है… कड़े नियम निर्देशों के बाद भी राजस्व अधिकारी अपने भ्रष्ट कार्यशैली से बाज नहीं आ रहे है…. जहां सरकार का स्पष्ट आदेश है की भू माफियाओं पर, भ्रष्ट आरोपी अधिकारियो पर तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाना है परंतु आदेश केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है..

दरअसल हम बात कर रहे है आकांक्षी जिला कोरबा के अंतिम में बसे तहसील पसान की जो की इन दिनों भू माफियाओं, भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से सुर्खिया बटोर रहा है… जहां आवदेन तो दिया जाता है लेकिन उस आवदेन में कार्यवाही की जगह केवल दलाली होती है….

तहसील पसान में 2020 में कुछ भू माफियाओं के साथ मिलीभगत कर तत्कालीन पटवारी मोहन दिवाकर ने सरकारी भूमि की बिक्री करवा दी थी..जिस मामले में शिकायत होने के पश्चात पटवारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया था, व जांच उपरांत एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई थी..परंतु इस बात को 40 महीनो से अधिक समय बीत चुका हैं परंतु एफआईआर तो दूर की बात अब उस सरकारी भूमि का नामांतरण किया जा रहा है। वही पूरे मामले में आवदेन ने कहा की 2020 में हुई शिकायत में आज तक कार्यवाही नही हुई बल्कि अब अधिकारी अवैध नामांतरण करने में जुट गए है।

समझे क्या था मामला,….

कोरबा जिले की पसान के अंतर्गत ग्राम पसान में खसरा नंबर 723/6/ड रकबा 0.040 हेक्टेयर जमीन मिशल बंदोबस्त में बड़े झाड़ जंगल मे दर्ज है जिसे शासकीय पट्टे पर बेचा गया है। कलेक्टर से भी अनुमति नही ली गयी है जबकि पटवारी ने अवैध रूप से शासकीय पट्टे की जमीन को को बेच दिया है इस मामले की शिकायत पर एसडीएम व नायब तहसीलदार पसान से जाँच कराई गई थी जाँच में यह पाया गया कि पटवारी मोहन राम दिवाकर ने बिना अनुमति के शासकीय पट्टे की जमीन को बेच दिया है। इस जांच में पटवारी को दोषी पाए जाने पर उसे निलम्बित कर दिया गया है।