कटघोरा/पोड़ी उपरोड़ा: पटवारी सब पर भारी ! बिना दाम नहीं होता कोई काम ?

कटघोरा/पोड़ी उपरोड़ा: पटवारी सब पर भारी ! बिना दाम नहीं होता कोई काम ?

कोरबा: पटवारियों से नामांतरण कराना व खतौनी कटवाना आसान काम नहीं है। कटघोरा , पोड़ी उपरोड़ा अनुभाग में पटवारी द्वारा खुलेआम तहसीलदार के नाम पर 10 से 20 हजार रूपये की मांग की जाती है। तहसीलदार और कलेक्टर कार्यालय से ज्यादा पेंडेंसी पटवारी कार्यालय में है। बिना पैसे के यहां कोई काम नहीं होता।

सरकार कोई भी हो लेकिन राजस्व विभाग में भ्रष्टचार व घूसखोरी में नियंत्रण होने की उम्मीद लोगों को बिल्कुल भी नहीं है, सरकार भी इस पर रोक नहीं लगा सकी है। खासकर पटवारियों से लोग ज्यादा परेशान हैं। कोई भी काम बिना लेन देन के नहीं होता। कटघोरा स्थित पटवारी कार्यालय में यह नजारा खुलेआम देखा जा सकता है। यहां पटवारी का ज्यादातर काम उनका दलाल करता है। उनका रूतबा भी किसी से कम नहीं है। भू अभिलेख और महत्वपूर्ण दस्तावेज पटवारी के बजाय दलाल के देखरेख में ज्यादा होता है।

बता दे की कटघोरा अनुभाग के कई कई जगहों में खरीदी बिक्री पर रोक लगा हुआ है जिसमे पेपर तैयार करने के लिए पैसे की डिमांड किया जाता है। और पटवारियों की गैर मौजूदगी में पटवारी के द्वारा रखे गए दलाल के द्वारा पूरे तरीके से पटवारी कार्यालय का उपयोग किया जाता है, सरकारी छुट्टी, रविवार तक कार्यालय खोल कर दलाल जमकर दलाली करते है।

5 से 10 हजार रूपये रेट फिक्स जमीन का नपाई हो या नक्शा बनाने का काम, नामांतरण हो या रिकार्ड दुरूस्त करने का काम हर कार्य के लिए तीन से पांच हजार रूपये तक का रेट बंधा हुआ है। पटवारी 5 से 10 हजार रूपये बिना हस्ताक्षर नहीं करते। नई पर्ची बनाने के लिए लोगों को पांच हजार रूपये देना पड़ता है, जबकि इस किसान किताब की कीमत मात्र 5 रूपये है।

जमीन दलाल मनमर्जी दे रहे पैसा जमीन दलाल अपनी मर्जी मुताबिक काम कराने के लिए पटवारियों को मनचाहा कीमत दे देते हैं, इसलिए उनका काम पहले होता है। जबकि आम लोग महीनों चक्कर काटते हैं, लेकिन उनका काम नहीं होता। लिहाजा कलेक्टर के जनदर्शन में ऐसी शिकायतें ज्यादा पहुंचती हैं, अगर ये मामूली काम आसानी से हो जाए तो लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। कटघोरा, छुरी, तानखार, पटवारी के ऊपर एक बड़े नेता का हाथ होने की वजह से अधिकारियों का बिल्कुल भी डर नहीं है।

नगरवासियों ने आरोप लगाया कि कटघोरा , पोड़ी उपरोड़ा के अनेक पटवारीयो द्वारा सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा जैसे कामों के लिए सभी से 10 से 20 हजार रुपए मांगे जाते हैं। नहीं देने पर काम नहीं किया जाता और बदसलूकी भी की जाती है। बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता। पटवारी के खिलाफ नगर वासियों में बेहद आक्रोश है। कटघोरा , पोड़ी उपरोड़ा अनुभाग अंतर्गत पटवारी कार्यालयों में सैकड़ों कागज धूल खाते पड़े हैं, मगर अधिक राशि देकर काम कराने वालों का काम ही यहां हो रहा है। जिसके चलते सीधे साधे व ईमानदारी से काम कराने वालों को चक्कर काटना पड़ रहा है।

कटघोरा में दलाल , पटवारी से ऊपर

कटघोरा में पटवारी के ज्यादातर कार्यों को दलाल ही करता है। मदद करना अच्छी बात है मगर भू राजस्व के महत्वपूर्ण दस्तावेज इसके हाथ में होता है। बिना पटवारी के जमीन की नाप करने भी वह कहीं ‘चला जाता है और नाप के लिए 10 से 20 हजार रूपये तक लेता है। इतना ही नहीं पहले राशि जमा करने के बाद ही नाप करने की बात खुलेआम कही जाती है, खुलेआम दलाल पटवारी के असिस्टेंट के रूप से पटवारी के लिए अवैध वसूली करता है।

अगर अनाधिकृत व्यक्तियों पर इस तरह मनमानी करने की रोक लगे तो लोगों को राहत मिलेगी, मगर इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है ।

10 से 20 हजार रुपए मांगते पटवारी ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कटघोरा , छुरी पटवारी द्वारा सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा जैसे कामों के लिए ग्रामीणों से 10 से 20 हजार रुपए मांगे जाते हैं। नहीं देने पर काम नहीं किया जाता और बदसलूकी भी की जाती है। जब से पटवारी पदस्थ हुआ है तब से बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता। पटवारी के खिलाफ नगर में बेहद आक्रोश है।