कलेक्टर की बड़ी कार्यवाही, राखड़ पटवाने वाली सरपंच बर्खास्त…
कलेक्टर की बड़ी कार्यवाही, राखड़ पटवाने वाली सरपंच बर्खास्त…
जांजगीर-चांपा/कोरबा: जिले के ग्राम पंचायत सिवनी में जल संग्रहण के श्रोतों में राखड़ पाटे जाने के मामले में महिला सरपंच के खिलाफ प्रस्तुत प्रकरण में चाम्पा एसडीएम द्वारा पारित आदेश को रद्द करते हुए कलेक्टर ने शिकायत को सही बताते हुए सरपंच को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।
अनुविभागीय अधिकारी (रा.) चाम्पा में सिवनी निवासी हीरालाल उरांव व अन्य ग्रामवासियों ने सरपंच लखेकुमारी राठौर के विरूद्ध शिकायत की थी कि सरपंच द्वारा गांव के चारों ओर खाली स्थानों में तथा जल संग्रहण के लिए बनाए गए डबरी में सैकड़ो डंपर फ्लाई एश (राख) पटवा दिया गया है जिससे गांव के पर्यावरण, जल स्त्रोत एवं पशुधन का संरक्षण एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
साथ ही भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2021 में जारी फ्लाई एश अधिसूचना का उल्लंघन किया गया है। सरपंच द्वारा नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना फ्लाई एश (राख) पाटा गया है। इस मामले की शिकायत करते हुए सरपंच के खिलाफ मांग की गई।
0 एसडीएम ने शिकायत को बताया था तथ्यहीन
इस मामले में तहसीलदार चाम्पा के प्रतिवेदन व ग्रामवासियों के कथन व पंचनामा एवं सरपंच का बयान लिया गया। अनुविभागीय अधिकारी ने 5 सितंबर 2022 को उक्त शिकायत को तथ्यहीन व निराधार एवं औचित्यहीन होने की बात कहकर खारिज कर दिया।
इसके बाद जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर ने अनुविभागीय अधिकारी चाम्पा के इस आदेश के विरूद्ध कलेक्टर के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की और कहा कि एसडीएम ने अनुविभागीय अधिकारी चाम्पा द्वारा हीरालाल उरांव व अन्य ग्रामवासी व अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व दस्तावेज व ग्रामवासियों के कथन व पंचनामा व तहसीलदार चाम्पा के प्रतिवेदन का परिशीलन किये बिना विधि विपरीत आदेश पारित किया है जो निरस्त किये जाने लायक है।
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के प्रकरण में संलग्न फोटोग्राफ का अवलोकन किया जिसमें स्पष्ट हुआ कि गांव में कई जगह राखड़ को पाटा गया है और इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई है। सरपंच का यह कार्य छग पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन है और अधिकारी की धारा 40 (1) (ख) अनुसार उनके सरपंच पद पर बना रहना लोकहित में नहीं है।
जिसकी अनदेखी कर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) चाम्पा द्वारा विधि के विपरीत 8 सितंबर 2022 को आदेश पारित किया गया है जो स्थिर रखे जाने योग्य नहीं है। कलेक्टर ने जिला पंचायत सदस्य की अपील स्वीकार करते हुए एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया। इस तरह ग्राम पंचायत सिवनी ब्लाक बलौदा की सरपंच लखेकुमारी राठौर को पद से पृथक करने का आदेश पारित किया गया।
0 कोरबा में भी यही हो रहा,पर सुनवाई कहीं नहीं
जांजगीर-चांपा जिले के सिवनी में जो हाल जल स्रोतों का हुआ है वही हाल कोरबा जिले के विभिन्न क्षेत्रों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के जल स्रोतों का भी हो रहा है। यहां तो कोरबा जनपद क्षेत्र के ग्राम बरीडीह में मनरेगा से निर्मित लगभग 13 लाख के तालाब को उपयोग प्रारंभ होने से पहले ही पंचायत के सरपंच, सचिव सहित अन्य प्रतिनिधियों ने मिलकर मिलीभगत पूर्वक राखड़ से पटवाने के साथ ही तालाब के अस्तित्व और उसके शिलालेख तक को मिटा देने जैसा गंभीर अपराध किया है।
चिंताजनक तो यह है कि तत्कालीन कलेक्टर और मौजूदा जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर के द्वारा अलग-अलग टीम से जांच कराई गई और टीम ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मनरेगा के तालाब को राखड़ से पटना लेख किया है, इसके बाद भी पूरे मामले को दबा कर रख दिया गया है। इसके अलावा जल क्षेत्रों के आसपास राख पाटकर नदी-नालों को दूषित करने के साथ-साथ उनके अस्तित्व पर भी संकट उत्पन्न किया जा रहा है।
श्मशान घाट, स्कूल का मैदान जैसे क्षेत्रों को भी नहीं बख्शा जा रहा है लेकिन कार्यवाही के मामले में अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं। क्षेत्र के राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और दलाली प्रथा का हावी होना भी इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है वहीं शासन के अधिकारियों का भी मनरेगा जैसी योजनाओं की बदहाली के मामले में रवैया ठीक नहीं है। बहरहाल जांजगीर-चांपा की कलेक्टर द्वारा इस तरह के मामलों में दिखाई गई सख्ती सराहनीय और प्रशंसनीय है।