लेनदेन का बड़ा खेल, अनापत्ति प्रमाणपत्र मामले में BEO पर कब होगी कार्यवाही.. पूर्व में भी संजीव शुक्ला पर लग चुका है अवैध वसूली का आरोप..
लेनदेन का बड़ा खेल, अनापत्ति प्रमाणपत्र मामले में BEO पर कब होगी कार्यवाही..
पूर्व में भी संजीव शुक्ला पर लग चुका है अवैध वसूली का आरोप..
गौरेला पेंड्रा मरवाही:– जिले के गौरेला में हुए अनापत्ति प्रमाणपत्र मामले में BEO पर कार्यवाही का ना होना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है ,दरअसल प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी, गौरेला संजीव शुक्ला द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर शिक्षकों को अधीक्षक पद पर कार्य करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति के बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिसमे डीईओ के द्वारा छ. ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विपरीत अनुशासनहीनता मानते हुए गौरेला विकास खंड शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी तो किया गया।
परंतु महीनो के बाद भी आज तक BEO को निलंबित नही किया गया है ना ही किसी प्रकार की कार्यवाही की गई है बल्कि BEO को अभयदान के साथ प्रमोशन भी दिया गया है समग्र शिक्षा विभाग का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।इस मामले में विश्वस्त सूत्रों की माने तो अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने के किए मोटी रकम का लेनदेन किया गया है मोटी रकम के एवज में ही अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुए बिना DEO अनुमति के अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया है। ये सभी जांच का विषय है ,वही पूरे मामले में BEO को केवल नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही न करना DEO की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है ?
गौरतलब है की BEO शुक्ला पहले से ही अनेक प्रकार के आरोपों से घिरे हुए है फिर भी उन्हें उपकृत कर समग्र शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग का भी नोडल अधिकारी नियुक्त करना अपने आप में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।
कोटा में BEO संजीव शुक्ला पर लग चुका है अवैध वसूली का आरोप..
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस द्वारा कोटा के प्रभारी बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के समक्ष शिकायत की गई थी । जिनमे संजीव शुक्ला पर आरोप था कि जी.पी.एफ. पासबुक सत्यापन, अवकाश स्वीकृति, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए हर प्रकार के आवेदन को फारवर्ड करना जैसे नियमित कार्यों के लिए 1000 से 5000 रूपये लेते हैं । बिना लेनदेन कोई भी कार्य नहीं करते है। कोविड -19 के संकट के कारण विद्यालय पूरी तरह से नहीं खुले हैं ये विद्यालय जांच के नाम पर विद्यालय में जाकर शिक्षकों को धमकाकर कोई भी गलती निकालकर 2000 से 10,000 प्रति शिक्षक से ले रहे हैं।
इसके अलावा अपने आप को एक भाजपा नेता का नाम लेकर कहते हैं मैं उसका रिस्तेदार हूँ और उसी के जैसा गुंडा हूँ । शिक्षकों एवं सफाईकर्मी से रे, बे जैसे भाषा का उपयोग करते हैं। वही इनकम टेक्स के लिए आवश्यक फार्म-16 जिसे देना इनका कर्तव्य है 500 से 1000 रू में कर्मचारियों को बेचते है। इधर भूपेश सरकार द्वारा उदारता पूर्वक घोषित सातवे वेतनमान का एरियर्स हर जगह भुगतान हो गया है। कोटा में शिक्षकों को तंग करने की नियत से नहीं दिया जा रहा है।..