शिक्षक ट्रांसफर पर हाईकोर्ट सख्त, छत्तीसगढ़ शासन की स्थानांतरण नीति का हो रहा उल्लंघन..

शिक्षक ट्रांसफर पर हाईकोर्ट सख्त, छत्तीसगढ़ शासन की स्थानांतरण नीति का हो रहा उल्लंघन..

बिलासपुर । शिक्षक के तबादले के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है। शिक्षक ने लगातार अधिसूचित क्षेत्रों में सेवा दी थी। उसके बाद फिर से उसका तबादला अधिसूचित क्षेत्र में कर दिया गया था। इसके खिलाफ शिक्षक हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने अभ्यावेदन लेकर नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिया गया था पर ट्रांसफर समिति ने शिक्षक के अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद शिक्षक दोबारा हाई कोर्ट गए थे।

सरगुजा जिले के शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल उदयपुर में शिक्षक कैलाश सिंह पैकरा पदस्थ थे। छत्तीसगढ़ शासन ने 30 सितंबर 2022 को आदेश जारी करते हुए उनका तबादला शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल उदयपुर से शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल महादेवडांड़ ब्लॉक बगीचा जिला जशपुर कर दिया था। जिसके खिलाफ शिक्षक कैलाश सिंह पैकरा ने उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। दायर याचिका में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ट्रांसफर समिति के वरिष्ठ सचिवों को निर्देशित किया था कि शिक्षक से अभ्यावेदन लेकर 3 सप्ताह के भीतर नियमानुसार इसका निराकरण किया जाए। जिसके बाद 18 नवंबर 2022 को शिक्षक कैलाश सिंह पैकरा ने वरिष्ठ सचिवों के समिति के समक्ष अभ्यावेदन दिया था। जिस पर निर्णय लेते हुए 11 जनवरी 2023 को अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया गया।

अभ्यावेदन निरस्त होने से क्षुब्ध होकर शिक्षक कैलाश सिंह पैकरा ने दोबारा अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी व दीक्षा गौरहा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई। रिट याचिका की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई में बहस के दौरान बताया गया कि अपीलार्थी की नियुक्ति सन 1992 में बलरामपुर रामानुजगंज अधिसूचित क्षेत्र में हुई थी तब से लेकर आज तक अपीलार्थी अधिसूचित क्षेत्र में ही पदस्थ होकर सेवा दे रहा है। पर अभी फिर से स्थानांतरण आदेश जारी कर शिक्षक को अधिसूचित क्षेत्र में भेज दिया गया है। यह छत्तीसगढ़ शासन की स्थानांतरण नीति वर्ष 2015 की कंडिका 1.3 और 2.1 का यह पूर्ण रूप से उल्लंघन है।

इस कंडिका में स्पष्ट किया गया है कि प्रथम नियुक्ति के समय अधिकारियों को दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में कम से कम 2 वर्ष तथा सामान्य अनुसूचित क्षेत्र में 3 वर्ष के लिए पदस्थ किया जाएगा लेकिन यहां पर अपीलार्थी अनुसूचित क्षेत्र में 30 वर्षों से है। 30 वर्ष से वे अनुसूचित क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं। तर्कों को सुनने के पश्चात उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच द्वारा निर्देशित किया गया कि 2 सप्ताह के भीतर शिक्षक वरिष्ठ सचिवों के समक्ष फिर से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे और समिति द्वारा 6 सप्ताह के भीतर इसका निराकरण किया जाएगा। तब तक के लिए अभ्यर्थी के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी।