Gaurela pendra Marwahi: संचालित कन्या छात्रावासो में प्रताड़ित हो रही आदिवासी बच्चियां, गंभीर शिकायत के बाद भी कार्यवाही लंबित,

शिकायत भी जांच भी परंतु कार्यवाही शून्य ?

गौरेला पेंड्रा मरवाही: आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत संचालित कन्या छात्रावासो में रहने वाली आदिवासी छात्राओं के साथ अधीक्षकों द्वारा दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना की शिकायतें अब आम होते जा रही है। ज्ञात हो कि, विगत 02 फरवरी को प्री. मेट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास, ज्योतिपुर, गौरेला की छात्राओं ने प्रताड़ना से तंग आकर अधीक्षिका श्रीमती मोनिषा सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाई तथा अपनी लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई थी।

सहायक आयुक्त के छुट्टी में होने के कारण प्रभारी एवं मण्डल संयोजक, गौरेला नम्रता शर्मा ने दूसरे ही दिन छात्रावास पहुंच कर शिकायत की जांच की एवं सभी छात्राओं और कर्मचारियों का अलग अलग बयान भी लिया, परंतु दुर्भाग्य का विषय यह है कि विभाग द्वारा जांच पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। जबकि विश्वस्त सूत्रों की माने तो मंडल संयोजक नम्रता शर्मा द्वारा की गई जांच में छात्राओं और स्टाफ ने अपने बयान में जो कुछ भी बताया उससे छात्राओं की शिकायत की स्पष्ट रूप से पुष्टि हो गई थी।

मंडल संयोजक नम्रता शर्मा द्वारा आनन फानन में की गई जांच में अधीक्षक के दोषी सिद्ध होने के बावजूद आदिवासी विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही क्यो नही की गई।

विश्वस्तसूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार कही अधीक्षक मोनिषा सिंह द्वारा कर्मचारियों एवं छात्राओं को जांच के बाद से लगातार यह कह कर धमकाया एवं प्रलोभन दिया जा रहा है कि, सबको खरीद लूंगी तुम लोग मेरा कुछ भी बिगड़ नही पाओगे। लगातार शिकायतों के बाद भी कार्यवाही न होने से प्रशासन के साथ साथ राज्य सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है,।