मरवाही वनमण्डल में प्रभाववाद हावी, PCCF के आदेश का उलंघन कर जूनियर डिप्टी रेंजर को काष्ठागार अधिकारी बनाया DFO ने,
मरवाही वनमण्डल में प्रभाववाद हावी,
PCCF के आदेश का उलंघन कर जूनियर डिप्टी रेंजर को काष्ठागार अधिकारी बनाया डीएफओ ने,
गौरेला पेंड्रा मरवाही: मामला मरवाही वनमण्डल का है जो भ्रष्टाचार को लेकर विवादो में था अब dfo के आदेश को लेकर विवाद बटोरने में लगा हुआ है , दरअसल dfo शशि कुमार ने नियम विरूद्ध जाकर एक जूनियर डिप्टी रेंजर को काष्ठागार अधिकारी बना दिया है, अपने ही उच्च अधिकारी के आदेश को दरकिनार कर प्रभारी काष्ठागार अधिकारी बना दिया है ,जबकि पीसीसीएफ के आदेश के अनुसार डीएफओ को इसका अधिकार ही नहीं है,
बताना लाजमी है की DfO शशि कुमार के द्वारा इसी प्रकार एक सीनियर एकाउंटेंट ललित ध्रुव को कैंपा प्रभारी से से हटा कर करोड़ो रुपए के गबन और दर्जनों शिकायतों से घिरे भूपेंद्र साहू को कैम्पा का प्रभारी बना दिया गया है, और एक वायर लेश आपरेटर पुरषोत्तम कश्यप से प्रभारी स्टेनो के रूप में कार्य लिया जा रहा जबकि वनमण्डल में वायर लेश आपरेटर का पद ही नही है इस प्रकार मंजुला उइके को स्थापना से हटा वरुण राय को स्थापना प्रभारी बनाया तो गया पर आदेश का पालन नही हुआ और मंजुला उइके आज भी प्रभारी बनी हुई है मढ़ना डिपो में पदस्थ पूर्णिमा रोहणी को स्थापना सहायक बनाया गया पर वह भी आज तक वनमण्डल कार्यालय में रिलीव नही हुई और दो बाबुओ से कार्य लिया जा रहा है और वनमण्डल में बाबुओ का कमी का रोना रो पूरे शाखाओ में दैनिक वेतन भोगियों से कार्य लिया जा रहा है,
इसी प्रकार सी सी एफ़ बिलासपुर द्वारा एक वनरक्षक को दूसरे वन परिक्षेत्र भेजा गया था ,उसके विपरीत डीएफओ द्वारा उस वन रक्षक को तत्काल दूसरा आदेश जारी कर हटाया गया था, इसी प्रकार परमेश्वर गुज्जर बाबू को मढना डिपो में कर दिया गया है , जब से DFO की पोस्टिंग हुई है तब से ही नियम विरुद्ध आदेश जारी करने में लगे हुए है,और इनके आदेश का आदेश का पालन ही कर्मचारियों के द्वारा नही किया जा रहा है, काष्ठागार अधिकारी के रूप में मनीष श्रीवास्तव डिप्टी रेंजर को पदस्थ किया गया है,जबकि वन मंडल में बहुत से सीनियर अधिकारी है, उसके बावजूद प्रभाव वाद हावी नजर आ रहा है,,