सरपंच गजमती भानु सचिव की करतूत ,फर्जी बिल बनाकर लाखों का भुगतान, जनपद के अफसरों की भूमिका संदिग्ध

सरपंच गजमती भानु सचिव की करतूत ,फर्जी बिल बनाकर लाखों का भुगतान, जनपद के अफसरों की भूमिका संदिग्ध

पंचायत द्वारा फर्जी बिलों की आड़ में बड़े भुगतान करके लाखो का घोटाला ,

Gaurela pendra marwahi: गौरेला जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेमरा में फर्जी बिलों के भुगतान का मामला सामने आया है। सरकार द्वारा पंचायतों में किए जा रहे भुगतानों में पारदर्शिता लाने के लिए चाहे कितने भी प्रयास क्यों न किए गए हों, लेकिन सरपंच-सचिवों की मिलीभगत से उसमें कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार के रास्ते निकाल ही लिए जाते हैं। तमाम नियमों के बावजूद पंचायतों द्वारा खुलेआम बिना जीएसटी नंबरों के बिलों पर लाखों का भुगतान किया जा रहा है जिससे शासन को जहां एक ओर लगातार राजस्व की क्षति हो रही है। वहीं जितना भुगतान पंचायतें करती है उसमें आधा कार्य भी नहीं हो रहा है तथा जो हो रहा है वह भी घटिया स्तर का हो रहा है। पूरे मामले में कहीं न कहीं अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही है, जो शिकायतों के बावजूद फर्जी बिलों पर हजारों-लाखों का भुगतान करने वाले सरपंच सचिवों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे सरपंचों के कार्यकाल के अंतिम चरण में पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा हो रहा है।

कच्चे बिलों पर किया भुगतान,

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सेमरा द्वारा अलग-अलग कार्यों में लाखों रुपए का भुगतान कच्चे बिलों पर ही कर दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है उक्त बिलों की अगर वास्तविकता जानने का प्रयास किया जाए तो पता चलेगा जिन फर्मों के बिल लगाए गए हैं, वे अस्तित्व में हा या नहीं है, मात्र कागजों में ही ये फर्म हैं, जिन्हें लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है, इसी तरह ग्राम पंचायत सेमरा के सचिव, सरपंच के द्वारा अन्य बिलों और वाउचर द्वारा भुगतान किया है। जिनकी वास्तविकता सत्य से कहीं दूर है। अगर ग्राम पंचायत द्वारा किए गए बिल भुगतान की उचित जांच करवाई जाए तो किस तरह भ्रष्टाचार किया जा रहा है, यह सच्चाई भी सामने आ जाएगी,

जीएसटी चोरी और खनिज रायल्टी को पहुंचाया जा रहा नुकसान

ग्राम पंचायत सेमरा के द्वारा भुगतान किए जा रहे हैं बिलों पर किसी तरह का जीएसटी नंबर नहीं है, सभी बिल फर्जी है,ऐसे में शासन को जीएसटी राजस्व चोरी का नुकसान तो उठाना पड़ ही रहा है। वहीं बड़ी मात्रा में ग्राम पंचायत द्वारा रेत, मुरम, गिट्टी, पत्थर की खरीदी की जाती है। परंतु फर्जी फर्म होने के कारण खनिज रायल्टी की चोरी भी कर ली जाती है। इस तरह शासन के राजस्व की सेंधमारी भी की जा रही है।

यह है नकली बिलों का असली खेल

नकली व फर्जी बिल भुगतान के इस खेल में वास्तविकता में किसी तरह की फर्म होती नहीं है। मात्र कागज, बिल बुक एवं सरपंच, सचिव के ही संज्ञान में इस तरह की फर्म होती है। उक्त फर्म का बिल ग्राम पंचायत में लगाया जाता है और फिर सरपंच, सचिव और जिम्मेदार बिल का भुगतान भी कर देते हैं