आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में शिक्षको को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को रिटर्निंग ऑफिसर ने किया रफादफा

गौरेला पेंड्रा मरवाही: लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद जिले में आम लोगों के साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों को आचार संहिता के पालन करने का आदेश दिया गया था, परंतु आदेश धरालत में दम तोड़ता नजर आ रहा है,

गौरतलब है की गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शिक्षको के द्वारा खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया गया था, एक पार्टी विशेष नेता के साथ प्रचार प्रसार करते हुए फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था,उक्त मामले में सहायक रिटर्निंग अधिकारी के द्वारा शिक्षको को जवाब तलब के लिए नोटिस तो जारी किया गया था परंतु नोटिस के बाद आज पर्यंत तक निलंबन की कार्यवाही नही की गई है केवल दिखावे मात्र के लिए नोटिस जारी कर मामले को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पेंड्रारोड एवं सहायक रिटर्निंग ऑफीसर के द्वारा रफादफा कर दिया गया है, जिससे आम जन मानस में चर्चा का विषय बना हुआ है की अधिकारी आचार संहिता का उलंघन करने वालों को संरक्षण देने में लगे हुए है,

जाने क्या था मामला और कब जारी हुआ था नोटिस, 

गौरेला पेंड्रा मरवाही, 9 अप्रैल 2024/ लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में प्रधान पाठक और सहायक शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पेंड्रारोड एवं सहायक रिटर्निंग ऑफीसर क्षेत्र क्रमांक 04 कोरबा ने श्री भीष्म त्रिपाठी प्रधान पाठक प्राथमिक शाला धनौली और श्री राजेश तिवारी सहायक शिक्षक प्राथमिक पाठशाला करंगरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

दोनों को जारी अलग अलग नोटिस में कहा गया है कि है आपके द्वारा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने और चुनाव प्रचार करने संबंधी समाचार सचित्र प्रकाशित किया गया है। ज्ञात हो कि वर्तमान में लोकसभा आम निर्वाचन-2024 की आचार संहिता प्रभावशील है। एक लोक सेवक का किसी दल विशेष के पक्ष में काम करना अथवा प्रचार करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। साथ ही सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के नियम 3 के प्रावधानों के विपरीत है। अतः क्यों न आपके विरूद्ध सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों तथा अन्य सुसंगत विधियों के तहत आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे।अतः आप इस पत्र प्राप्ति के 24 घण्टे के भीतर कारण स्पष्ट करें कि उक्त कृत्य के लिये आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों न की जावे। निर्धारित समयावधि के भीतर संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में आपके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी जिसके लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

उक्त मामले में नोटिस के बाद आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई है जबकि तत्काल प्रभाव से उक्त मामले में निलंबन की कार्यवाही होनी चाहिए थी,