घोटालेबाज इंजिनियर स्वप्निल मिश्रा को अभयदान, तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने अपने तबादला आदेश के बाद जारी किया था आदेश,
गौरेला पेंड्रा मरवाही: 472629.00 लाखो के घोटालेबाज इंजिनियर स्वप्निल मिश्रा को अभयदान,
निलंबन से किया बहाल, घोटाले को मामले को किया गया रफा दफा
तत्कालीन कलेक्टर ने अपने तबादला आदेश के बाद जारी किया आदेश,
गौरेला पेंड्रा मरवाही: इन दिनों नवनिर्मित जिला भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है, जहां घोटाला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिसकी वजह कही न कही जिला प्रशासन की उदासीनता है, भ्रष्टाचार में लिप्त घोटालेबाज अधिकारियो और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने के बजाए बहाल कर अभयदान दिया जा रहा है, जिससे गले तक भ्रष्टाचार में डूबे कर्मचारियों के हौसले इस कदर बुलंद है की वे घूमते फिर रहे है की इस जिले में कितना ही घोटाला कर लो, अगर आप पर लक्ष्मी कृपा है तो आपका कुछ नही होगा,
लाखो करोड़ो का घोटाला करने के बाद आप दिखावे के लिए निलंबित कर दिए जाएंगे तत्पश्चात आपको बहाल करते हुए उसी कार्यालय में पुनः पदस्थ कर दिया जायेगा, पूर्व घोटालेबाज अधिकारियो को संरक्षण था परंतु भाजपा सरकार में सीएम ने खुलकर कहा है की सुशासन की सरकार में भ्रष्ट कर्मचारियों को बिल्कुल नही बक्शा जायेगा, सभी घोटालेबाजों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी , लेकिन नवनिर्मित जिले में ठीक इसके विपरित जाकर घोटालेबाज अधिकारियो को खुलकर संरक्षण दिया जा रहा है, ऐसे कर्मचारी जिनके द्वारा खनिज न्यास मद की राशि में जमकर घोटाला किया गया है, करीब 5 लाख के आसपास की राशि का घोटाला कर हेर फेर किया जाना सुनिश्चित हो चुका है, परंतु इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा निलंबित किए जाने के एक महीने बाद ही उक्त कर्मचारी को अभयदान देते हुए ठीक उसी कार्यालय में पुनः पदस्थ करते हुए बहाल कर दिया गया है, जबकि शासन का निर्देश है की निलंबित कर्मचारी को पुनः उसी कार्यालय में पदस्थ नही किया जाना है , लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के अधिकारियों की महिमा देखिए की उक्त कर्मचारी पर कड़ी कार्यवाही किया जाना था , परंतु नही किया गया है,
वही विशेष सूत्रों की माने तो तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा ही उक्त कर्मचारी को निलंबित किया गया था, और तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा ही अपने तबादला आदेश के बाद उक्त कर्मचारी को बहाल कर दिया गया था, इस पूरे वाकए को इस बात से समझा जा सकता है की छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 26/02/2024 को गौरेला पेंड्रा मरवाही कलेक्टर का तबादला कर अन्य को कलेक्टर नियुक्त किया गया था,29/02/2024 को नवनियुक्त कलेक्टर के द्वारा पद भार ग्रहण किया गया है, जबकि उक्त बहाली आदेश को 28/02/2024 को तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया के द्वारा जारी किया गया था, मतलब अपने ट्रांसफर आदेश के दो दिनों के बाद आदेश जारी कर उक्त कर्मचारी को बहाल कर पुनः पदस्थ किया गया था, इससे इस बात को समझा जा सकता है की खुलेआम एक भ्रष्ट कर्मचारी को संरक्षण देते हुए बहाल किया है अब इसके पीछे की वजह क्या है ये तो गंभीर और सोचनीय विषय है,