जगदलपुर: नैनिहालो के भविष्य से खिलवाड़, जिला शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में फर्जी स्कूलों का संचालन के विरुद्ध आंदोलन करेगी NSUI- सोहैल ख़ालिक़,

बस्तर: संभाग के जगदलपुर में फर्जी तरीके से स्कूलों के संचालन को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है। अभी तक ऐसे स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई किया जाना तो दूर उन्हें चिन्हित तक नहीं किया जा सका है। बिना मान्यता शिक्षा की दुकान चलाने वालों का धंधा चमकाने में बेसिक जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भरपूर साथ दिया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद फर्जी स्कूलों पर लगाम लगाने की उम्मीद जगी थी। लेकिन अधिकारियो की खामोशी से फर्जी विद्यालय संचालक मस्त हैं। ऐसे में नौनिहालों का भविष्य अंधकार में धकेल चुके अभिभावक भी अब विद्यालय की मान्यता को लेकर परेशान हैं। शिक्षा सत्र में धड़ल्ले से चल रहे फर्जी स्कूलों को आला अधिकारी अभयदान दे रहे हैं। आलम यह है कि जांच में विद्यालय फर्जी मिलने की पुष्टि होने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यवाही नही कर रहे है,

जगदलपुर के अदावल में कई प्राइवेट फर्जी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जिन स्कूलों को शिक्षा विभाग और डीईओ कार्यालय, जगदलपुर से कोई मान्यता नहीं है। फर्जी तरीके से बिना मान्यता के स्कूल संचालन कर बस्तर के बच्चों का भविष्य खराब किया जा रहा है, विदित हों की स्कूल शिक्षा मंत्रालय के नियम के हिसाब से हर स्कूल का एक यू-डायस कोड फुल फॉर्म – *”Unified District Information System For Education”* होता है, जिससे की स्कूल की वास्तविकता प्रदर्शित होती है जो की इन प्राइवेट स्कूलों को प्राप्त नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो इन फर्जी स्कूलों की जानकारी जिले के शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला प्रशासन को है, परन्तु किसी प्रकार की कार्यवाही का होना अधिकारियो की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है,

बता दे की स्कुल को *UDISE Code नहीं होने के कारण क्षेत्र के बच्चों का आरटीई* का अधिकार भी छीना जा रहा है। गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है, जगदलपुर में 2023-24 से एक विद्यालय दो नाम से संचालन किया जा रहा हैं, साथ ही इस स्कूल के प्रचार प्रसार में सीबीएसई की गलत प्रमाणन दिखा कर बस्तर वासियों को गुमराह किया जा रहा है, सीबीएसई के नियमों का पालन नहीं करते हुए…स्कूल प्रांगण में किताबें, यूनिफॉर्म बेचने का व्यवसाय भी जमकर किया जा रहा हैं । पालकों से जबरन स्कूल यूनिफॉर्म और छोटी कक्षा में शुद्ध किताबें, बड़ी कक्षाओं में कुछ मांगे विशेष किताबें को मंगाया जाता हैं। अदावल में चल रहे स्कूल में सीबीएसई के नियम के हिसाब से अग्नि सुरक्षा यंत्र भी नहीं लगाया गया जिसे विद्यार्थी, शिक्षार्थियों की जान का खतरा बना हुआ है। स्कूल में सीबीएसई के नियम के हिसाब से स्कूल बिल्डिंग की सुरक्षा संबंध अनापत्ति पीडब्ल्यूडी कार्यालय से भी उपयुक्त है। विद्यालय में स्वास्थ्य संबंधी कोई भी सुविधा नहीं है, एक आवासीय विद्यालय में जो कि एक स्वस्थ संबंध किताब या कर्मचारी नहीं है।

इस प्रकार नियमो का उल्लंघन करते हुए बस्तर के पालकों और विद्यार्थियों के भविष्य को अधर में रखा गया है, उक्त मामले में जब डीईओ कार्यालय से पिछले महीने साक्ष्य अधिनियम जानकारी मांगी गई उस पर भी कार्यालय से किसी प्रकार का जवाब नहीं प्रदान नही किया गया, इससे यह साफ प्रदर्शित होता है की जगदलपुर में चल रहे फर्जी स्कूलों के संचालन में जिला शिक्षा अधिकारी की महत्ती भूमिका है,साथ ही बता दे की उक्त पूरे मामले में NSUI के प्रदेश सचिव सोहैल खालिक ने कहा की इस फर्जीवाड़े के मामले में जल्द ही ज्ञापन सौप फर्जी स्कूलों के खिलाफ और शिक्षा विभाग के अधिकारियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जायेगी,