कोरबा : जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार.. ठेकेदार की मनमानी.. बाउंड्रीवाल हुआ धरासायी.. पानी टंकी के चारो बेस में आई दरार.. विभाग के जिम्मेदार अधिकारी साधे चुप्पी.

कोरबा/कटघोरा 29 सितम्बर 2024 : सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को हल करने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना “जल जीवन मिशन” के तहत कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बंजारी मे लांखों की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य लोगों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पानी पहुंचाना है, लेकिन ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।

जिले के पोड़ी विकासखंड मे केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन मिशन के तहत हर घर नल, हर घर जल का हाल बहुत बेहाल है। पीएचई विभाग द्वारा बनाई जा रही करोड़ों रुपये खर्च कर जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकीयां सफेद हाथी साबित हो रही है। जिसके कारण यह योजना शुरू होने से पहले ही धाराशायी हो गई। दो माह पूर्व ग्राम पंचायत बंजारी मे बनाई गई पानी टंकी का हाल बत से बत्तर हो गया है, और तो और पानी टंकी के चारो तरफ बने बाउंड्री महज एक महीने मे ही टूटकर जमीदोज हो गया और पानी टंकी के चारो बेस में बड़ी बड़ी दरारे आ गई है, कुल मिलाकर बंजारी का पानी टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, वही प्रशासन व विभाग चुप्पी साधे बैठा है।

ग्रामीण तो महज विकास की राह ताक रहे

जल जीवन मिशन योजना कि बात करें तो इस योजना कों शासन कि राशि का बंदरबाट करने के लिए विभाग ने ठेका ले रखा है, ग्रामीणों कों तो इसका लाभ नहीं मिल रहा लेकिन ठेकेदार व विभाग के अधिकारी जरूर फल फूल रहे है,या यूँ कहे तो विकास कि गंगा अधिकारीयों व ठेकेदारों कि पास बह रही है। ग्रामीण तो महज विकास कि राह ताक रहे हैं। पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के प्रायः ग्राम पंचायतो कि पानी टंकी भ्रष्टाचार कि भेंट चढ़ गई हैँ। करोड़ो कि राशि का शासन कों चुना लगाया जा रहा है, गुणवत्ताहीन निर्माण के साथ निर्धारित मटेरियल का उपयोग निर्माण मे नहीं किया जा रहा है वजह यही है कि भारी भरकम टंकी का बेस भी कमजोर हो गया है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने से इंकार नही किया जा सकता।

विभागीय इंजीनियर की सांठगांठ में हो रहा सत्यापन

बता दें कि वर्ष 2024 मई जून मे निर्माण किऐ गए पानी टंकी के चारो तरफ आहता ( बाउंड्रीवाल ) बनाया गया तहस।  लेकिन यह बाउंड्रीवाल महज कुछ ही दिनों मे टूट कर गिर गया। ग्रामीणों ने बताया कि महज एक ही महीने हुए हैं बाउंड्रीवाल बने लेकिन दीवार इतनी कमजोर बनाई गई कि आज ऐ बाउंडीवाल पूरी तरह से धरासायी हो गया, इससे जाहिर होता है कि ठेकेदारों व विभाग कों ग्रामीणों कि समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है बल्कि अपनी जेब गरम करने के लिए भ्रष्टाचार कर निर्माण कार्य करने मे लगे हुए हैं। सबसे बड़ी बात की विभाग के इंजीनियर ऐसे कार्यों का सत्यापन कर ठेकेदारों से मोटी रकम वसूल लेते हैं। उन्हें निर्माण की गुणवत्ता से कोई मतलब नहीं।

अब देखना यह होगा कि बंजारी मे हुए गुणवत्ताहीन निर्माण पानी टंकी कि जांच आखिर प्रशासन के जिम्मेदार उच्च अधिकारी कब तक करते हैं, या यह भी कागजों तक ही सिमित रह जाएगा..?