एसईसीएल बुड़बुड़ खदान में कराए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से थर्राया पाली एवं आसपास क्षेत्र, घरों में गहरी दरारें आने के साथ ऐतिहासिक शिवमंदिर का अस्तित्व भी खतरे में, सांसद प्रतिनिधि ने क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ थाने में दी शिकायत, एफआईआर की मांग*

*सिमरन गार्डिया*
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*कोरबा/पाली:-* लगता है बुड़बुड़ स्थित ओपन कास्ट कोयला खदान के अधिकारियों ने भर्राशाही, अनदेखी और उपेक्षापूर्ण कार्य करने की जैसे कसम खा ली है तभी तो जनप्रतिनिधियों के विरोध व मांगों को ठेंगा दिखाने के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशों को भी बत्तीसी दिखाते हुए इनकी मनमानी चरम सीमा को पार कर गई है।वर्ष 2005 में प्रोजेक्ट बनाने के साथ 2008 मे कोयला उत्खनन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले एसईसीएल ने निकम्मे अधिकारियों के बूते बुड़बुड़ खदान की कमान सौंप दी जहां माइंस स्थापना लागत तो बढ़ गई लेकिन अबतक कोयला का एक ढेला निकालने में असक्षम रहे अधिकारियों ने अपनी कमजोरी छुपाने अब खदान में हैवी ब्लास्टिंग का सहारा लिया है जिससे पाली सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह थर्रा उठा है और घरों की दीवारों में बड़ी- बड़ी दरारें आने लगी है तथा लोगबाग दहशत के साये में दिन बिताने लगे है।किये जा रहे इस हैवी ब्लास्टिंग से नगर में स्थित ऐतिहासिक एवं प्राचीन शिवमंदिर का नींव भी दहल उठा है और उसके अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है।जहां बुड़बुड़ खान प्रबंधक के मनमाने एवं अड़ियल कार्य रवैये के विरुद्ध क्षेत्र के कद्दावर नेता एवं कोरबा सांसद प्रतिनिधि व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव प्रशांत मिश्रा ने बीते बुधवार 03 फरवरी को पाली थाना प्रभारी निरीक्षक लीलाधर राठौर को लिखित शिकायत सौंप अपराध दर्ज कर उचित कार्यवाही की मांग की है।सांसद प्रतिनिधि श्री मिश्रा द्वारा थाना प्रभारी को सौंपे गए अपने शिकायतपत्र में उल्लेख किया गया है कि विकासखण्ड मुख्यालय से महज 3 कि.मी. की दूरी पर एसईसीएल कोरबा पश्चिम प्रक्षेत्र द्वारा सराईपाली ओपन कास्ट कोल परियोजना आरंभ कर दी गई है इस संबंध में ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा कई आपत्तियां कर विरोध भी जताया गया है, कुछेक मामले न्यायालय में विचाराधीन भी है।चूंकि पाली विकासखण्ड मुख्यालय में 11वी सदी में निर्मित ऐतिहासिक शिवमंदिर स्थापित है इस कारण पुरातत्व विभाग एवं सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के तहत पुरातात्विक धरोहर के आसपास तथा एक निश्चित दायरे के भीतर किसी भी प्रकार का निर्माण अथवा ब्लास्टिंग से क्षति होने की संभावना के मद्देनजर प्रतिबंधित है।किंतु पाली के निकट उक्त कोयला खदान से इन दिनों हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है जिससे आसपास रहवासी ग्रामीणों का आवास क्षतिग्रस्त हो रहा है वहीं उन्हें जान का खतरा भी बना हुआ है जिससे वे भयभीत व असुरक्षित महसूस कर रहे है।इसके अलावा प्राचीन मंदिर को भी नुकसान पहुँचने की पूरी संभावना है।श्री मिश्रा ने अपने शिकायतपत्र में उक्त परियोजना के क्षेत्रीय प्रबंधक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर उचित कार्यवाही करते हुए हैवी ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है।