*भूविस्थापित किसानों की समस्या को एसईसीएल व जिला-प्रशासन दूर नहीं करती है तो संयुक्त रुप से जिले व राज्य में विभिन्न प्रकार के आंदोलन किया जायेगा ।

*भूविस्थापित किसानों की समस्या को एसईसीएल व जिला-प्रशासन दूर नहीं करती है तो संयुक्त रुप से जिले व राज्य में विभिन्न प्रकार के आंदोलन किया जायेगा ।

25 मार्च 2021 को भू-विस्थापित किसान अधिकार सम्मेलन के कार्यक्रम में एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के संगठन उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने अपने स्पीच में जानकारी देते हुए बताया कि कोरबा जिले को ऊर्जधानी व प्रचुरता काले हीरे के नाम से जाना जाता है लेकिन जिले के भू-विस्थापित किसान अपने अधिकार और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। एसईसीएल और जिला-प्रशासन समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं जिसकी वजह से जिले के भू-विस्थापित किसान अपने अधिकारों व हकों से पीड़ित शोषित ग्रसित है प्रभावित किसान अपनी खराब दैनिक जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

भू-विस्थापित किसान अधिकार सम्मेलन में तमाम समाजिक संगठन व पार्टियों ने कार्यक्रम को अपना समर्थन देते हुए भू-विस्थापित किसानों को मजबूत व उनके जीवन को बेहतर बनाने की बात कही गई और आगामी समय के लिए सम्मेलन में 21 मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया साथ ही साथ जिले व राज्य में किसानों की अधिकार व मूलभूत सुविधाओं के लिए विभिन्न प्रकार के आंदोलन संचालित किया जाएगा समस्याओं को एसईसीएल व जिला-प्रशासन दूर नहीं करती है तो जिले के तमाम कोयला खदानों को संयुक्त रुप से ठप्प किया जाएगा।

*ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति*
*जिला-कोरबा (छ•ग•)*