*कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वनांचल के ग्रामीण भोइनीम पीकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह बुखार दूर करने का रामबाण उपचार है और शरीर के तापमान को तेजी से कम करता है। कोरबा में कई गांव है जिनके आसपास व जंगलों में मिलने वाली भोइनीम का उपयोग करते है।*

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वनांचल के ग्रामीण भोइनीम पीकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह बुखार दूर करने का रामबाण उपचार है और शरीर के तापमान को तेजी से कम करता है। कोरबा में कई गांव है जिनके आसपास व जंगलों में मिलने वाली भोइनीम का उपयोग करते है।

स्थानीय लोग इस पौधे के पत्तों को सुखाकर इसका रस बनाकर सेवन कर रहे हैं।

इस आयुर्वेद दवा का इस्‍तेमाल बच्‍चों से लेकर बुजुर्ग सभी कर रहे हैं। चूंकि इसका रस कड़वा होता है इस वजह से बच्चे इसे पीने से कतराते हैं लेकिन वयस्‍क आसानी से पी लेते हैं। भोइनीम का इस्‍तेमाल करने वाले वनांचल के कौशल कुमार गोड़, सुकालू राम साहू, रमेश कुमार, इंद्र कुमार आदि ने बताया कि यह बहुत ही उपयोगी झाड़ी है। यह शरीर में लगे बुखार को तेजी से कम कर देता है और शरीर को शीतलता प्रदान करता है।

आयुर्वेद चिकित्सक भी इस बात की जानकारी देते है कि जंगल में मिलने वाला भोइनीम की झाड़ी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसे पीने से शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। यह कई बीमारियों को दूर करने के काम में आती है। इसका रस बच्चों के पेट में होने वाले कृमि को मार देता है। भोइनीम की झाड़ी को पहले सुखाते हैं फिर उसे रातभर पानी में भिगोने के बाद सुबह छानकर दिया जाता है।