कमिश्नर मैम की ये है संजीदगीः दिव्यांग हॉस्टल में बच्चियों से रेप और छेड़छाड़ की घटना के छह दिन बाद कमिश्नर ने मिशन समन्वयक को किया सस्पेंड, समन्वयक ने दो दिन तक घटना को दबाए रखा

जशपुर, 28 सितंबर 2021 ::- जशपुर के दिव्यांग हास्टल में बच्चियों के रेप और छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना के चार दिन बाद सरगुजा की महिला संभागायुक्त जी किंडो को स्मरण आया कि इस मामले में कुछ करना चाहिए। और आज शाम उन्होंने जिला परियोजना समन्वयक को निलंबित कर दिया। दरअसल, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के परियोजना समन्वयक याने डीएमसी को कलेक्टर नहीं, संभागायुक्त कार्रवाई कर सकती है। लेकिन, 22 सितंबर की रात घटना हुई और छह दिन तक उनका इस मामले में कोई भूमिका नहीं रही। कमिश्नर खुद भी आदिवासी हैं और घटना भी आदिवासी जिले के उस हॉस्टल में हुई, जिसमें 80 फीसदी से अधिक आदिवासी लड़कियां रहती हैं। मुख्यमंत्री ने घटना पर संज्ञान लेकर कलेक्टरों और एसपी को कड़ा संदेश दिया।

गौरतलब है कि जशपुर कलेक्टर महादेव कावड़े को भी सरकार ने कल हटा दिया। अलबत्ता, परियोजना समन्वयक विनोद पैकरा को इस मामले में सबसे अधिक जिम्मेदार माना जा रहा है। 22 सितंबर की रात को हॉस्टल में बच्चियों के साथ शैतानियत का नंगा नाच हुआ और पैकरा ने मामले को 24 घंटे तक दबाए रखा। 23 सितंबर को दिन भर पूरा स्टाफ मामले को दबाए रखा। 24 सितंबर को जाकर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सबसे बड़ा सवाल है कि विनोद पैकरा को आखिर कौन बचा रहा था। सवाल ये भी उठता है कि जशपुर के सत्ताधारी पार्टी के विधायक इस मामले में चुप्पी क्यों साध लिए हैं। जशपुर में ये कहने वालों की कमी नहीं है कि जशपुर विधायक का पैकरा को खुला संरक्षण मिलता था।