पूर्व सीएम रमन ने उठाया सवालः ईडी ने जो शपथ पत्र में सुको को बताया : उससे साबित सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है, 10 बिंदुओं में तीखा जवाब दिया शैलेष और आरपी बोले… डायरी के पन्ने दबाए क्यों गए… धरम और उसेंडी जांच रुकवाने हाईकोर्ट क्यों गए?

रायपुर, 28 सितंबर 2021 ::-  पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने आज प्रेस कांफ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट में ईडी द्वारा दिए शपथ पत्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस से साबित है कि सत्ता का दुरपयोग हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सवाल किया कि भ्रष्टाचार के आरोपियों को सरकार बचाने में क्यों लगी है।

डॉ रमन के तीखे तेवर के साथ आए इस बयान का उसी अंदाज में पलटवार कांग्रेस की ओर से हुआ है। कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी और और प्रवक्ता आर पी सिंह ने अलग अलग बयान जारी कर डॉ रमन सिंह को प्रश्नांकित भी किया है और दस बिंदुओं में बात को रखा है।

शैलेष नितिन त्रिवेदी ने डॉ रमन सिंह को प्रश्नांकित करते हुए सवाल किया कि जब दोनों अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति जून 2016 में आ गई थी तो चालान के लिए दिसंबर 2018 का इंतज़ार क्यों किया गया। विक्रम उसेंडी और धरमलाल कौशिक क्यों नहीं चाहते कि नान केस की जाँच हो दोनों की ओर से याचिका दायर है । भट्ट के 107 पन्ने कौन से हैं, जिन्हें दबाया गया था, क्या इसलिए कि इन पन्नों में सीएम मैडम के अलावा सीएम सर का भी ज़िक्र था। इधर आर पी सिंह की ओर से जारी दस बिंदुओं के जवाब में ज़िक्र है कि ईडी केंद्र सरकार की ऐजेंसी है, राज्य सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता। आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति नियमों का पालन कर दी गई है। अनिल टूटेजा संयुक्त सचिव है ना कि सचिव। और जब तक न्यायालय में दोष सिद्ध नहीं देती तब तक उसे निर्दोष माना जाता है। हलफ़नामा सीलबंद है तो डॉ रमन सिंह को कैसे पता कि उसमें क्या लिखा है।

हलफ़नामा सीलबंद है तो डॉ रमन सिंह को कैसे पता कि उसमें क्या लिखा है। हलफनामा से लगता है कि उ से रमन और बीजेपी नेताओं ने बनवाया है। दूसरा, नान के प्रकरण में चालान पेश है। न्यायालय में मामला चल रहा है इसलिये इस प्रकरण में भी राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही नहीं हो सकती।

गवाहों के मसले पर इस में लिखा गया है कि, 151 गवाहों की गवाही जनवरी 2019 के पहले हो चुकी है। उसके बाद किसी की गवाही हुई ही नहीं यह सारी गवाही भाजपा कार्यकाल में हुई है।आरपी सिंह ने पूछा है कि रमन सिंह को पूर्व एसीबी चीफ मुकेश गुप्ता से इतनी सहानुभूति क्यों है। क्या ऐसा है कि रमन सिंह के बहुत सारे राज मुकेश गुप्ता को पता है, इसलिए उनके पक्ष में बोलना रमन की मजबूरी है। इस दस सूत्रीय बिंदुओं के अंत में बताया गया है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही संबंधित एजेंसियों एसीबी/ईओडब्लू द्वारा अपने स्तर पर की जाती है, इसमें सरकार का कोई दखल नहीं होता है।