पोड़ी उपरोड़ा : पंचायत दमहामुड़ा पंचो व ग्रामीणों के तीखे सवालो से ग्रामसभा की बैठक हुई स्थगित,सरपंच की मनमानी व तानाशाही बनी वजह।

पोड़ी उपरोड़ा/दमहामुड़ा:आज ग्राम पंचायत दमहामुड़ा में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में ग्रामसभा की बैठक आयोजित की गई थी,जिसमे पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमति संतोषी पेन्द्रों,सरपंच श्रीमति मालती राज, सचिव देवकुमार कामड़े उपसरपंच नेम सिंह ओड़े व पंचो सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।ग्रामसभा बैठक कुछ समय तक शालीनतापूर्वक जारी रही फिर सरपंच पर आरोप प्रत्यारोप का शिलशिला शुरू हो गया और सभा हंगामेदार हो गई,लिहाजा सभा आगामी दिनों तक स्थगित हो गई।हंगामे की वजह सरपंच की कार्यशैली बताई जा रही है।पंचो सहित उपसरपंच व ग्रामीण भी इनके खिलाफ तीखे सवाल करते नजर आए।

ब्लाक पोड़ी उपरोड़ा के अधीनस्थ ग्राम पंचायत दमहामुडा में महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम पंचायत भवन में ग्रामसभा का आयोजन किया गया,जहाँ बैठक में ग्राम सचिव देव कुमार कामड़े द्वारा शासन की योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को बताया गया।ग्रामीणों ने सभी योजनाओं को समझा और उनसे होने वाले लाभ को भी जाना।जैसे जैसे सभा का समय बढ़ता गया माहौल सभा हंगामेदार होने लगीं,सभा में मौजूद उपसरपंच नेम सिह ओड़े व पंचो ने सरपंच पर तीखे आरोप लगाने शुरू कर दिए,उपरसपंच ने बताया कि ग्राम में सरपंच की तानाशाही इस कदर बनी हुई है गाव में बने ग्राम पंचायत भवन को अपने मनमानी से निर्माण कराया गया, जिस वजह से आज पर्यंत तक मजदूरों का मजदूरी भुगतान लम्बित बना हुआ है तथा मजदूर अपनी मजदूरी पाने भटक रहे हैं।ग्राम में पंचायत भवन व गौठान के पास बोर खोदाई का कार्य किया गया है जिसमे जमकर भ्रष्टाचार किया गया है आगे उपसरपंच ने बताया कि इस दफे सोसायटी हमारे ग्राम में ही संचालित होनी है लिहाजा राशन सामाग्री ट्रक के माध्यम से ग्राम पहुँची,और राशन सामाग्री पंचायत भवन में रखी जानी थी ऐसा बैठक के दौरान सर्वसम्मति से प्रस्तावित हुआ था लेकिन सरपंच व इनके करीबियों ने राशन सामाग्री गांव के ही एक किसान के निजी कच्चे मकान में तानाशाही रवैया अपनाते हुए जबरन रखवा दिया जहां राशन सामाग्री के चोरी होने व बरसात के दिनों में नुकसान होने की प्रबल संभावना हो सकती है, और जब इस बारे में सरपंच श्रीमति मालती राज से पूछा जाता है तो इनके करीबी अपनी धाक दिखाकर ग्रामीणों को कहते हैं कि पंचायत में वही होगा जो हम चाहेंगे,ग्रामीण भी इनकी तानाशाही के आगे नतमस्तक बने हुए हैं।

ग्रामीणों की माने तो इनका कहना कि ग्राम पंचायत में सरपंच व इनके करीबियों की तानाशाही पूरे शबाब पर है इन्होंने पूरे पंचायत में अपनी मनमानी से पंचायत के विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार व आतंक मचा रखा है। ग्राम सभा मे जो प्रस्ताव सरपंच,उपसरपंच, सचिव,पंचो व ग्रामीणों के समक्ष सर्वसम्मति से बनाया जाता है ये उन्हें भी अपने पैरों की जूती समझ मनमानी करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं।मानो ग्राम सभा का प्रस्ताव इनके लिए कोई मायने नही रखता और पंचायत के सरपंच अपनी मर्जी मुताबिक कार्य करते हैं।सरपंच ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के बजाय तानाशाही रैवैये के साथ पेश आते हैं, जिस वजह से सरपंच की लोकप्रियता ग्रामीणों के बीच नही रह गई है लिहाजा पंचायत में सरपंच के ऊपर कई आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं।

सभा मे उपस्थित जनपद अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पेन्द्रों ने बताया कि ग्राम पंचायत दमहामुड़ा ऐसा कोई बड़ा विवाद नही है केवल राशन सामाग्री को प्रस्तावित स्थान पर न रख कर अन्यत्र स्थान पर रखे जाने का मुद्दा है।इसी बात को लेकर पंचायत में विवाद बना हुआ है, लिहाजा सभी को समझाया गया है कि पंचायत में शांतिपूर्ण तरीके से व सर्वसम्मति से कार्यों का निर्वहन किया जाए।आगे श्रीमति पेन्द्रों ने मीडिया के मजदूरी भुगतान वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर पंचायत में ग्रामीणों ने मजदूरी का कार्य किया है तो उनका भुगतान भी पंचायत को समय पर करना चाहिए।श्रीमती पेन्द्रों ने ग्रामसभा में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों व पंचो सरपंच सचिव व ग्रामीणों से आग्रह किया है कि सभी मिलजुल कर रहे और मिलकर पंचायत के सभी कार्यो का निर्वहन करे तथा पंचायत का नाम रोशन करें,साथ ही छोटी मोटी समस्याओं में सामंजस्य बना कर चले ताकि विवाद की स्थिति ना बने।

ग्रामसभा मे उपस्थित सरपंच श्रीमति मालती राज ने बताया कि पंचो व ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा आरोप पूरी तरह निराधार है पंचायत में कोई तानाशाही नही चल रही है बल्कि पंचो व ग्रामीणों के निराधार आरोपो की वजह से पंचायत के विकास कार्य सही तरीके से नही हो पा रहे हैं।राशन सामाग्री वाले सवाल पर ग्राम सरपंच मालती राज ने बताया कि ग्राम पंचायत भवन का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है और ग्राम पंचायत में पर्याप्त जगह नही होने की वजह से राशन सामाग्री को सुरक्षित गाँव के ही किसान के मकान में रखा गया है जहां से हितग्राहियों को सुरक्षित राशन भी वितरण किया जाना है।जिसके सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी भी सरपंच की है।

जहाँ ग्रामसभा में ग्रामीणों सहित पंचो ने सरपंच के ऊपर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाए हैं उनसे साफ जाहिर है कि ग्राम में सरपंच की अपनी तानाशाही हुकूमत बरकरार हैं।ग्रामीणों के बीच दबी आवाज में चर्चा यह भी है कि सरपंच अपने स्थान पर कुछ हद तक ठीक है लेकिन इनके करीबियो ने गाँव मे सरपंच की आड़ लेकर तानाशाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, पूरे पंचायत में इन्होंने खोफ व अपनी मर्जी का आलम बिखेर रखा है जिस वजह से पंचायत के विकास कार्य भी सही तरीके से नही हो पा रहे हैं केवल भ्रष्टाचार के किस्से गढ़े जा रहे हैं।पंचायत में विवाद का यही आलम रहा तो वह दिन दूर नही जब सरपंच के खिलाफ पंचो का अविश्वास प्रस्ताव सामने होगा।