रोजगार के लिए बन गए लाश !:कफन ओढ़कर लेटे कोविड सेंटर से निकाले गए कर्मचारी, माथा पीटकर रोती रही महिलाएं, 30 गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के कोविड सेंटर्स से निकाले गए स्वास्थ्य कर्मचारियों में शनिवार को प्रदर्शन किया। रायपुर में सुबह 5 बजे प्रदर्शनकारी लाश बनकर लेट गए, पास बैठी युवतियां माथा पीटकर रो रही थीं। वे अपनी बदहाली के जिम्मेदारों को कोस रही थीं और रोजगार की मांग कर रही थीं। ये प्रदर्शन करीब 3 घंटे तक बूढ़ापारा की सड़क पर जारी रहा।

कर्मचारियों के इस प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों से पुलिस अफसरों ने कहा कि वो सड़क को जाम कर रहे हैं। या तो वे फौरन अपना विरोध प्रदर्शन बंद करें या साइड होकर रास्ता खाली करें। बीच सड़क से हटने को ये कोरोना वॉरियर्स राजी नहीं हुए। सुबह के वक्त ही इनकी पुलिस से बहस हो गई। ना मानने की स्थिति में पुलिस की टीम ने 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। अब इन्हें सेंट्रल जेल ले जाया गया है।

इस वजह से चल रहा है आंदोलन

साल 2020 और 2021 की शुरुआत में कोविड संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिला। इस दौरान इन कर्मचारियों ने कई कोविड, क्वारंटाइन सेंटर और लैब में बतौर नर्स, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन का काम किया। बाद में सरकार ने उन अस्थाई सेंटर्स को बंद कर दिया। ये युवा बेरोजगार हो गए। अब ऐसे लगभग 8 हजार कर्मचारी ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें रोजगार दिया जाए। इसी मांग को लेकर 63 दिनों से इनका धरना प्रदर्शन जारी है।