पीडीएस चांवल में प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल की मिलावट मामले पर अब तक नही लिया किसी ने संज्ञान, खाद्य विभाग कार्यालय बैठे बता रहा बच्चों का प्रोटीन- विटामिनयुक्त चावल, स्थानापन सरपंच व ग्रामीणों ने की उचित जांच की मांग

पीडीएस चांवल में प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल की मिलावट मामले पर अब तक नही लिया किसी ने संज्ञान, खाद्य विभाग कार्यालय बैठे बता रहा बच्चों का प्रोटीन- विटामिनयुक्त चावल, स्थानापन सरपंच व ग्रामीणों ने की उचित जांच की मांग

कोरबा/पाली:- बीपीएल राशनकार्ड धारी हितग्राहियों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से सस्ते दर पर वितरण होने वाले खाद्यान पर पीडीएस चांवल में प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल मिलावट होने की बाते बीहड़ वनांचल ग्राम जेमरा के ग्रामीणों व स्थानापन सरपंच के माध्यम से सामने आयी थी। जिस मामले को खबर के माध्यम से सामने लाया गया था। किंतु अभी तक प्रशासनिक तौर पर किसी ने बनावटी चांवल के उक्त मामले को गंभीरता से संज्ञान में नही लिया है। बता दें कि सरकारी राशन दुकान से हितग्राहियों को वर्तमान अक्टूबर माह का वितरण किये गए चांवल में प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल की मिलावट होने का आरोप जेमरा के ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है। वही यहां के स्थानापन सरपंच भंवर सिंह का भी आरोप है कि खाद्य विभाग का पाली अमला मौके पर पहुँचकर वास्तविकता जानने व समझाने के बजाय पाली मुख्यालय में बैठे- बैठे ही उस चांवल को स्कूली बच्चों के मिड डे मील का प्रोटीन, विटामिनयुक्त चांवल होना तथा जिसे ग्रामीणों को आबंटित कर दिया जाना बताकर वापस लेने की बात कह रहा है। ऐसे में खाद्य विभाग के अधिकारी ने प्रोटीन, विटामिनयुक्त चांवल होने की जानकारी पूर्व में आखिर क्यों नही दी थी। सरपंच ने बताया कि पीडीएस के चांवल में जो बनावटी चांवल मिलावट है वह ठोस तथा दो टुकड़ों में नही टूट रहा, जो पकाते समय पानी में तैरते रहता है तथा पकने के बाद लसलसा व चिपकदार जैसा हो जाता है। जिस पीडीएस के चांवल को ग्रामीण भयवश खाने के उपयोग में नही ला रहे है। मामले में स्थानापन सरपंच व ग्रामीणों ने पीडीएस चांवल में प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल मिलावट को लेकर जांच की मांग की है। ताकि सच्चाई उनके सामने आ सके। दूसरी ओर ग्राम डोंगानाला में भी हितग्राहियों को वितरण किये गए पीडीएस चांवल में भी प्लास्टिकनुमा बनावटी चांवल मिलावट होने की बाते यहां के ग्रामीणों के माध्यम से सामने आ रही है। फिलहाल यह तो संबंधित अधिकारियों द्वारा मौके पे जाकर जांच करने उपरांत ही वास्तविकता का पता चल पाएगा। किंतु खेद का विषय है कि अबतक इस दिशा पर गंभीरता नही दिखाई जा सकी है। इस संबंध पर प्रतिक्रिया जानने खाद्य निरीक्षक पाली सुरेंद्र लांझी से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया, जिसके कारण उनकी प्रतिक्रिया नही मिल पायी।