कोरबा के बंद पावर प्लांट की भूमि का होगा कामर्शियल उपयोग, मुख्यमंत्री ने उर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा की, भूपेश बघेल ने कहा- छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को विद्युत कम्पनियों में दिलाएं काम

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि लाॅकडाउन के दौरान अन्य प्रदेशों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार विद्युत सब स्टेशन, विद्युत लाइन विस्तारीकरण सहित अन्य निर्माण कार्यों में नियोजित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार प्रवासी श्रमिकों को प्रशिक्षित कर उन्हें प्राथमिकता से कार्य में लगाया जाए ताकि उन्हें राज्य में ही रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में उर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के विद्युत कम्पनियों के पुनर्गठन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में पांच विद्युत कम्पनियां हैं, इनका पुनर्गठन कर तीन कम्पनी बनाया जाना प्रस्तावित है। पुनर्गठन के प्रस्तावित विकल्प पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने विद्युत देयकों में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट का स्पष्ट रूप से उल्लेख न होने के कारण विद्युत वितरण कम्पनियों पर नाराजगी जतायी। उन्होंने मड़वा विद्युत ताप परियोजना की गड़बडियों के संबंध में भी अधिकारियों से पूछ-ताछ की और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में ट्रांसमिशन कम्पनी के पारेषण हानि, निर्माणाधीन सब स्टेशनों की स्थिति, प्रस्तावित सब स्टेशन, विद्युत देयकों के श्रेणीवार लंबित भुगतान, विद्युत चोरी की रोकथाम के लिए एबी केबल की स्थापना , विद्युत पारेषण हानि कम करने के उपायों, सहित विभिन्न पावर प्लांट के माध्यम से विद्युत उत्पादन की प्रति यूनिट लागत की गहन समीक्षा की गई। बैठक में कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के चलते अप्रैल माह मे राजस्व में 212 करोड़ रूपए की कमी की जानकारी देते हुए विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध निदेशक अब्दुल कैसर हक ने बताया कि अक्टूबर माह तक 1510 करोड़ रूपए की राजस्व में कमी अनुमानित है।